अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। जनाब हैं तो थाने पर दीवान पर क्षेत्र में जलवे किसी थानेदार से कम नही हैं। जहाँगीराबाद थाने पर तैनात एक दीवान ने उन लोगों का भला करने का ठेका ले रखा है जो गलत की पैरवी कर रहे और दूसरे के घरों पर कब्जे की नीयत रखते हैं। इसके एवज में दीवान की क्या सेवा होती होगी, समझा जा सकता है। ऐसे ही एक मामले में दीवान ने पीड़ित को जमकर परेशान किया और उसके घर पर अपने चहेतों को कब्जा करवा दिया। पीड़ित ने न्यायालय में मामले की शिकायत की है।
जहाँगीराबाद थाना क्षेत्र के फैजुल्लागंज की रहने वाली
आसमा मलिक पत्नी मो० उमर का कहना है कि वह एक सीधी साधी गरीब असहाय महिला है। 24 अप्रैल 2023 को समय करीब 07 बजे शाम निकहद परवीन, शुएब आदि ने वह व उसके पति मो० उमर को जान से मार देने की नियत से लाठी-डण्डों व लात-घूसों से मार पीटकर काफी लहुलुहान कर दिया था। मौके पर 112 नम्बर पुलिस गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। आरोपियों का पक्ष लेते हुए थाने पर तैनात दीवान इमामुलहक ने उन्हें कार्यवाही करने से रोका और उसके पति को थाने पर बुलाया। वह अपने पति के साथ थाने पर गई और शिकायती पत्र दिया तब विपक्षी ने लात-घूसों व डण्डों से काफी मारपीट कर थाने में बन्द कर दिया। दीवान ने विपक्षी से कहा कि तुम लोग मकान का ताला तोड़कर इसके घर पर कब्जा कर लो। इन लोगों ने उसके मकान का ताला तोड़कर कब्ज़ा कर लिया तथा घर पर रखे जेवरात व नगद अस्सी हजार रूपया लूट लिये। इसके बाद थाने पर आकर इमामुलहक दीवान को थाने के बाहर बुलाकर रूपये दे दिये।
देर रात थानाध्यक्ष के आने पर प्रार्थिनी ने सारी बात बताई तो थानाध्यक्ष ने उसके पति मो० उमर को छोड़ दिया। दूसरे दिन जब वह अपने घर अपने पति के साथ गई तो विपक्षीजनों ने उसे व उसके पति को घर के अन्दर नहीं जाने दिया और फोन करके दीवान इमामुलहक को मौके पर बुला लिया। दीवान ने उसे व उसके पति को कई थप्पड़ मारे तथा कहा कि दुबारा इस मकान के पास-पड़ोस भी दिखे तो तुम लोगों के ऊपर इतने मुकदमें लाद दूँगा कि सारी जिन्दगी जेल में ही बीत जायेगी।