वैदिक ज्ञान आज भी प्रासंगिक है :राम चन्द्र यादव

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अवधनामा संवाददाता

रुदौली -अयोध्या। संस्कार,सामाजिक न्याय के सिद्धांत पर की जाने वाली बहस से निकलने वाले सार से बदलाव की शुरुआत होती है।वैदिक ज्ञान आज भी प्रासंगिक है।
शांति निकेतन संस्कृत महाविद्यालय सुदामापुरी में आयोजित सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार एवम विद्वत सम्मेलन में विधायक राम चंद्र यादव ने कही। सनातन धर्म का प्रचार प्रसार पर गोष्ठी के आयोजन पर बल दिया। कहा कि संस्कृत भाषा के पुस्तकों का देश आज अन्य भाषाओं के साथ विदेशी भाषा में अनुवाद होने से सनातन संस्कृति को दुनिया समझ रही।श्री कृष्णानंद हिंदी संस्कृत महाविद्यालय रुदौली के पूर्व प्राचार्य जय राम पांडे ने संस्कृत भाषा को आमजन की भाषा बनाए जाने की दिशा में काम किए जाने पर बल दिया।विद्यालय के पूर्व प्राचार्य गिरजा शंकर पांडे ने कहा की अखंड भारत की बोलचाल की भाषा संकृत को अंग्रेजो के विदेशी आक्रांताओं ने मिटाने की हर संभव कोशिश की है।आज के समय में वैदिक संस्कृति और संस्कृत को सर्व जन के बीच लोकप्रिय बनाए जाने के लिए कार्यशाला आयोजित किए जाने की बात कही।
शांति निकेतन संस्कृत महाविद्यालय में आयोजित सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार एवम विद्वत सम्मेलन में 24 बटूको का यज्ञोपवीत संस्कार वैदिक रीति रिवाज के साथ आचार्य रविकांत मिश्र ने कराया।विधायक राम चंद्र यादव ने यज्ञोपवीत संस्कार के उपरांत बटुको को सम्मानित किया।इस मौके पर प्राचार्य कन्हैया लाल मिश्र,मास्टर अरविंद रावत,विकास मिश्र,रजनीश मिश्र,बब्बन शुक्ला,मौजूद रहे।

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