अल्हाज सूफ़ी मुहम्मद शहाबुद्दीन उर्फ छोटे मियां का उर्स मनाया गया

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अवधनामा संवाददाता

गोरखपुर । हज़रत अल्हाज सूफ़ी मुहम्मद शहाबुद्दीन उर्फ छोटे मियां अलैहिर्रहमा का सालाना उर्स ए मुकद्दस व जल्सा ए ईद मिलादुन्नबी सल्लललाहु अलैही वसल्लम का प्रोग्राम मंगलवार को भटहट के आराजी चिलबिलवा में आयोजन किया गया जिसमें खानकाहे बरकातिया अजीजिया अशरफिया के सज्जादा नशीन नूरुलहुदा मिस्बाही की देख रेख रही। वहीं कार्यक्रम की सरपरस्ती अज़ीज़ ए मिल्लत अल्लामा अब्दुल हफीज साहब प्रेसिडेंट जामिया अशरफिया मुबारकपुर ने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना मतलूब अहमद क़ादरी प्रिंसिपल इशाअतुल इस्लाम परतावल ने किया। कियादत मौलाना सैय्यद अली निजामी प्रिंसिपल मदरसा अरबिया सईदुल उलूम एक्मा डिपो मौलाना अब्दूल मुस्तफा मिस्बाही ने की। और कार्यक्रम का संचालन मौलाना फहीम बस्तवी ने किया। प्रोग्राम में मुख्य वक्ता के तौर पर मौलाना मसऊद अहमद बरकाती मिस्बाही जामिया अशरफिया मुबारकपुर ने कहा कि नबी-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सामाजिक परिवर्तन का एक ऐसा इंकलाब लाया। जिससे समाज को जीवन व्यतीत करने का सलीका मिल गया। नबी-ए-पाक ने जो इंकलाब लाया उससे सिर्फ बादशाहत व सल्तनत ही नहीं बदली बल्कि समाज का मिजाज बदला। सभ्यता एवं संस्कृति के साथ जीवन जीने का मकसद बदला। यही कारण है कि आज भी नबी-ए-पाक के उपदेशों को सार्थक मानते हुए पूरा विश्व उन्हें अपना पेशवा, रहबर, सरदार, रहनुमा व आदर्श मानता है। मौलाना अमजद अली निजामी महराजगंज और मौलाना गेयासुद्दीन अहमद मिस्बाही ने कहा कि नबी-ए-पाक के उपदेशों को पढ़ें, जानें, समझें और उसका अनुसरण करने की कोशिश करें। इससे आपकी दीन एवं दुनिया दोनों संवर जाएगी। इस्लाम का असली मिशन अमन व शांति है। प्रोग्राम में मुफ्ती मोहम्मद सादिक मिस्बाही लक्ष्मीपुर, मौलाना खैरुल्लाह, मौलाना तजम्मुल हुसैन अमजदी, मौलाना, जुलकरनैन मिस्बाही, मौलाना अब्दुल मुस्तफा खान मिस्बाही, हाफिज साजिद रजा,सहित आदि उलमा की उपस्थिति रही। इस अवसर पर अल्लामा अल्हाज मुनव्वर हुसैन मिस्बाही को लेकर आदि लोग उपस्थित रहे। इस दौरान सनाउल्लाह पहलवान और हाजी सैफुद्दोजा प्रोग्राम में शामिल होने आए सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।

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