Wednesday, March 5, 2025
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HomeMarqueeसरकारी अस्पताल में एक बैड में दो मरीज लेटने पर  मजबूर

सरकारी अस्पताल में एक बैड में दो मरीज लेटने पर  मजबूर

अस्पताल में साफ-सफाई  की भारी कमी 
मौदहा हमीरपुर। उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य विभाग के मन्त्री बृजेश पाठक आज कल जगह जगह सरकारी अस्पतालों में औचक निरीक्षण कर रहे हैं कभी वह आम मरीज बन कर अस्पताल में जा रहे है तो कभी और तरीका अपना कर उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त दुरस्त करनें का प्रयास कर रहे अब तक जहां कहीं भी मन्त्री महोदय गयें वहां की सरकारी अस्पतालों में ढेरों कमियां मिली हैं। यदि हम मौदहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बात करें तो यहाँ खामियां ही खामियां नजर आती है चाहे सफाई की बात हो या फिर कर्मचारियों के ड्यूटी करनें का मामला हो। व्यवस्था के नाम पर अजीबोगरीब खेल चल रहा है जिन डाक्टरों की पोस्टिंग गावों में है वह भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मौदहा मे ही मौज कर रहे है। अस्पताल के पोजीशन रिकॉर्ड के अनुसार एक डाक्टर की पोस्टिंग भमई, एक की फत्तेपुरवा तथा किसी अरतरा गाव मे है लेकिन यह सभी महाशय मौदहा सी ऐस सी ही में नौकरी करते है।ऐसे में उन गावों में मरीजो को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में बढी बेतहाशा गर्मी के कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हो रही है इतना ही नहीं मरीजों की संख्या इतनी बढ रही है कि एक बैड मे दो दो लोगों को लिटा कर इलाज किया जा रहा है।जबकि जिम्मेदार क्षमता से कई गुना अधिक मरीज आने की बात कह रहे हैं।
मौदहा के सरकारी अस्पताल में इस समय अचानक मरीजों के आने की संख्या बढ गई है जिनमें से अधिक मरीज उल्टी दस्त के आ रहे हैं।इस समय अप्रैल के आखिरी सप्ताह में धीरे धीरे हो रही तापमान में बढोत्तरी के कारण क्षेत्र में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण क्षेत्र की जमीन आग उगल रही है और क्षेत्र में पड रही भीषण गर्मी के कारण उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या में लगातार बढोत्तरी होने के चलते जहां सरकारी अस्पताल के सभी बैड फुल हो गए हैं और हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि एक एक बैड पर दो दो मरीजों को ग्लूकोज की बोतल चढाई जा रही हैं साथ ही अस्पताल में गंदगी का भी साम्राज्य पैदा होता जा रहा है।तो वहीं कस्बे के प्राईवेट डाक्टर भी चांदी काट रहे हैं।वहीं इस सम्बंध में सीएचसी अधीक्षक डा.जय साहू ने से जब गन्दगी के बारें में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि मरीज खुद गंदगी कर रहे हैं। अगर मरीज गन्दगी कर रहे तो उसे साफ भी तो कराया जाना चाहिए कि मरीज द्वारा की गन्दगी साफ ही न कराई जाएगी। जब उन से बदनजमी के बारे मे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि  सोलह बैड का अस्पताल है और मरीज क्षमता से कई गुना अधिक आ रहे हैं तो अव्यवस्था हो रही है।
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