हमले के 18 घंटे बाद फिर निकला जोकर, इस बार हंसाया नहीं

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अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने इराक़ में एनुल असद सैन्य छावनी पर ईरान के सफल मीज़ाइल हमले के 18 घंटे के बाद एक प्रेस कांफ़्रेंस में उक्त सैन्य छावनी को नुक़सान पहुंचने की बात स्वीकार की है।

डोनल्ड ट्रम्प ने जिनके चेहरे पर पराजय की निशानी साफ़ नज़र आ रही थी, ईरान के विरुद्ध बेतुके और निराधार आरोप दोहराते हुए कहा कि वह ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे। उन्होंने कहा कि ईरान के साथ समग्र परमाणु समझौता एक मूर्खतापूर्ण समझौता था। उन्होंने यह घिसा पिटा दावा एक ऐसे समय में किया कि जब आईएईए ने अपनी 15 से अधिक आधिकारिक रिपोर्टों में इस बात की पुष्टि की है कि ईरान ने परमाणु समझौते पर पूरी तरह से अमल किया है।

ट्रम्प ने आतंकवादी अमरीकी सेना की एनुल असद छावनी पर ईरान की आईआरजीसी के सफल हमले को जिसमें कम से कम 80 अमरीकी सैनिक मारे गये, महत्वहीन दिखाने का प्रयास किया।

उन्होंने दावा किया कि इस हमले में कोई जानी नुक़सान नहीं हुआ अलबत्ता सैन्य छावनी को नुक़सान पहुंचा है। कोई सैन्य नुक़सान न होने का दावा ट्रम्प ने एक ऐसे समय पर किया कि जब ईरान से फ़ायर किए गये सभी मीज़ाइल एनुल असद सैन्य छावनी पर जाकर लगे हैं और पूरी सैन्य छावनी राख के ढेर में बदल गयी है।

ट्रम्प ने निर्लज्जता का प्रदर्शन करते हुए अपनी ताज़ा आतंकी कार्यवाही को स्वीकार करते हुए कहा कि जनरल क़ासिम सुलैमान को मेरे आदेश पर मारा गया क्योंकि जनरल क़ासिम सुलैमानी ने हिज़्बुल्लाह जैसे कई गुटों को ट्रेनिंग दी थी।

निर्लज्ज ट्रम्प ने बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए ईरान से कहा कि दाइश हम दोनों का दुश्मन है इसलिए हम दोनों को उसके विरुद्ध मिलकर लड़ना चाहिए।

Courtesy:parstoday

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