सुरतगंज में जलसा “अज़मत ए क़ुरआन व अज़मत ए सहाबा” का आयोजन
आदिल तनहा (अवधनामा संवाददाता)
बेलहरा बाराबंकी। (Belhara Barabanki) क़ुरआन मजीद अल्लाह की सबसे मुकद्दस किताब है जो अल्लाह ने पूरी इंसानियत की हिदायत के लिए भेजा है और इसकी हिफाजत की जिम्मेदारी खुद अल्लाह ने ली है ।दुनिया की कोई भी ताकत इसमें जर्रा बराबर भी फेर बदल नहीं कर सकती। उक्त विचार कस्बा सूरतगंज में आयोजित जलसा “अज़मत ए क़ुरआन व अज़मत ए सहाबा” को संबोधित करते हुए मुफ्ती उज़ैर अहमद क़ासमी ने किया। उन्होंने कहा कि क़ुरआन की तालीम पर अमल पैरा होकर ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है,इल्म न होने की वजह से लोग गुमराही का शिकार हैं। मौलाना ने कहा कि हमने क़ुरआन की तालीम को पीछे छोड़ दिया यही वजह है कि लोग आज क़ुरआन में बदलाव की बात करने लगे
जलसे की सदारत कर रहे मौलाना अब्दुल लतीफ ने कहा कि क़ुरआन व सुन्नत से दूरी का नजीता है जो आज हम दर दर की ठोकरें खा रहे हैं और हमारी फरियाद कोई सुनने वाला नही है। हम अपने अख़लाक़ अच्छे बनाएं, लोगों से भलाई का मामला करें तभी सच्चे मुसलमान होंगे। जलसे का आगाज कारी शहनवाज की तिलावत से हुआ।
नात पाक कारी परवेज़ याजदनी,कारी जहीरूद्दीन, हाफ़िज़ शाहाब उद्दीन ने पेश किया। निजमत मौलाना जफीर अहमद क़ासमी ने की । आखिर में कमेटी के सदस्य मौलाना ज़ुहैर क़ासमी ने सभी का शुक्रिया अदकिया। इस मौके पर हाफ़िज़ मो.शादाब ,सलाहुद्दीन,शमसुद्दीन ,मो. बिलाल,कारी नोमान,मो. सऊद,हाफ़िज़ शाहनवाज़ ,मौलाना मो. रईस कासमी, मास्टर सगीर अहमद,कारी मो. ताहिर,समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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