अवधनामा ब्यूरो
लखनऊ. राजधानी लखनऊ से सवा सौ किलोमीटर की दूरी पर बसी रामनगरी अयोध्या में कत्ल की ऐसी वारदात का खुलासा हुआ है जिसमें कत्ल से पहले ही लाश को ठिकाने लगाने के लिए कब्र का इंतजाम किया गया. कब्र खुद जाने के बाद कत्ल किया गया और लाश उसमें दफन कर दी गई. पूरी वारदात को अंजाम देने वाला पुलिस के साथ मिलकर उसकी तलाश के नाटक में लग गया.
मामला अयोध्या में पान मसाला व्यवसायी शुभम चौरसिया के कत्ल का है. शुभम का एक दोस्त है सुशांत पाण्डेय. सुशांत को शक था कि शुभम के उसकी पत्नी से अवैध सम्बन्ध हैं. उसे यह जानकारी थी कि शुभम की उसकी पत्नी से फोन पर बात होती थी और वह उसकी पत्नी की आर्थिक मदद भी करता था.
पत्नी से अवैध सम्बन्ध के शक की वजह से नाराज़ सुशांत ने शुभम को रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया. उसने अपने दोस्तों की मदद से शुभम के लिए कब्र खुदवाई. कब्र खुद जाने के बाद आठ मार्च को शाम शुभम को फोन कर देवकाली के पास बुलाया गया. उसे स्विफ्ट डिजायर कार में बिठा लिया गया. कार में सुशांत बैठा था और वह शुभम का दोस्त था इसलिए उसे कोई शक भी नहीं हुआ.
कार में ही शुभम की गला घोंटकर हत्या कर दी गई. उसकी मौत के बाद उसे पहले से खुदी कब्र में दफना दिया गया. कत्ल के सारे सबूत मिटाने के बाद सुशांत शुभम के परिवार के साथ मिलकर उसकी तलाश का नाटक करने लगा. इसी बीच पुलिस ने शुभम की काल डीटेल खंगाली और उसके हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लग गई.
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सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद पुलिस ने सुशांत को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की तो कत्ल की पूरी कहानी सामने आ गई. कब्र खोदकर लाश बरामद कर ली और कत्ल से जुड़े सभी छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया.