Thursday, May 2, 2024
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जनाबे फ़ातिमा स अ के ज़रिए रिसालत का वजूद मुकम्मल हुआ : मोहम्मद अब्बास शारिब

अवधनामा संवाददाता

हल्लौर स्थित वक्फ शाह आलमगीर सानी में पैरवाने विलायत की जानिब से चार रोज़ा अय्याम अज़ा ए फ़ातिमी की तीसरी मजलिस का हुआ आयोजन

डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। शनिवार शाम तहसील क्षेत्र के हल्लौर स्थित वक्फ शाह आलमगीर सानी में पैरवाने विलायत की जानिब से चार रोज़ा अय्याम अज़ा ए फ़ातिमी की तीसरी मजलिस का आयोजन किया गया। जिसे मौलाना मोहम्मद अब्बास शारिब ने मजलिस को खिताब किया।
मजलिस को सम्बोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद अब्बास शारिब ने कहा कि अय्यामे अज़ा ए फ़ातिमी मनाने की एक अहम वजह ये भी है कि इस के ज़रिए आसानी से हक़ीक़ी इस्लाम तक पहुँचने का रास्ता मिल सकता है।
बीबी ज़हरा स अ ने रसूल के बाद अपने हक़ को वापस लाने के लिए आवाज़ उठाकर ज़ालिमों के चेहरे से नक़ाब हटाई। मौलाना ने आगे कहा कि अहमद खलील जुमा जो कि अरब ज़बान के बड़े राइटर है। वो अपनी किताब नेसाओ अहलेबैत में लिखते है कि जनाबे ज़हरा स अ अपने वालिद के सिफ़ात व कमाल का आईना थी और फिर आगे लिखते है कि काश मैं हयाते ज़ेहरा स अ को फूलों के वरक़ पर मुश्को अम्बर की रोशनाई से लिख पाता। मौलाना ने कहा कि जिस तरह रसूल स अगर ग़दीर के मैदान में हज़रत अली अ स की विलायत का एलान न करते तो रिसालत का काम ही अदा न होता, उसी तरह से अगर जनाबे फ़ातिमा स अ का वजूद न होता तो खुद रसूल स. का वजूद ही मोकम्मल न होता क्योंकि रसूल ने फरमाया कि फ़ातिमा मेरा टुकड़ा और हिस्सा हैं और कोई भी चीज़ अपने किसी भी हिस्से के बगैर मोकम्मल नही माना जा सकता है।
आखिर में मौलाना ने जनाबे फ़ातिमा स अ पर ढाये गए ज़ुल्म और मुसीबतों को बयान करते हुए कहा कि रसूल स की वफात के बाद आपकी चहेती बेटी के दरवाज़े को आग लगा दी गई और जलता हुआ दरवाज़ा बीबी के ऊपर गिराया गया जिसकी वजह से बीबी के बच्चे की इस दुनियां में आने से पहले ही शहादत हो गई। बीबी की पसलियां टूट गई और इसी दर्दनाक हालात में रसूल स की चहेती बेटी की शहादत हुई। मजलिस से पूर्व मुकामी शायरों ने कलाम और मर्सियख्वानी के फ़रायज़ को अम्बर मेंहदी व हमनवा ने अंजाम दिया। मजलिस के दौरान मौलाना महफूज़ हुज्जत, मौलाना अली अब्बास ज़ैनबी, ज़ाकिर ए अहलेबैत जमाल हैदर करबलाई, अज़ीम हैदर, मोतवल्ली नौशाद हैदर एडवोकेट, तशबीब हसन, जमाल हैदर, शकील अहमद, काज़िम रज़ा, तसकीन हैदर, साबिर हल्लौरी, रज्जन, इक़्तेदार मेंहदी, सिब्ते हैदर, अब्बास अली, वसी हैदर, ताक़ीब रिज़वी, रिज़वान, इरफान हैदर, महफूज़ मैक्स, शीबू, कामयाब हैदर, रेहान, संजू, सोनू, परवेज़, जावेद, सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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