बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने केंद्र को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का भी बयान सामने आया है। ओवैसी ने वक्फ अधिनियम को काला कानून बताते हुए इसका विरोध जारी रखने की बात कही है।
वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए केंद्र सरकार से 7 दिन में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि जवाब दाखिल करने तक केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड में कोई भी नियुक्ति नहीं की जाएगी। वक्फ अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
इनमें से एक याचिका AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन (Asaddudin Owaisi) ओवैसी की भी है।
असदुद्दीन ओवैसी का बयान
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर करीब से नजर रखी हुई है। ओवैसी का कहना है कि केंद्र सरकार वक्फ को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जो संघवाद के विरुद्ध है। यह कानून वक्फ की जमीन को तबाह करने के लिए लाया गया है।
क्या बोले ओवैसी?
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारी पार्टी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) इस काले कानून के खिलाफ डट कर खड़े हैं। यह कानून मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। हम सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की समीक्षा कर रहे हैं क्योंकि इसमें 40-45 संशोधनों का जिक्र है।
केंद्र पर फूटा ओवैसी का गुस्सा
ओवैसी का कहना है कि केंद्र सरकार संघवाद के ढांचे के विरुद्ध जाकर वक्फ को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए कानून में कई धाराएं जोड़ी गई हैं। वक्फ कानून के खिलाफ हमारी कानूनी लड़ाई और प्रदर्शन जारी रहेगा। यह कानून वक्फ को बचाने के लिए नहीं बल्कि बर्बाद करने के लिए लाया गया है। हम AIMPLB के प्रदर्शन का समर्थन करते हैं।
सलमान खुर्शीद ने दिया बयान
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने भी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर बात करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में सभी दलीलें रखी गई हैं। आखिरी फैसला कोर्ट का होगा। अगर नया कानून लागू भी होता है तो सुप्रीम कोर्ट के पास इसकी समीक्षा करने का पूरा अधिकार है। अदालत जो भी फैसला करेगी, वो हमें मंजूर होगा।
बीते दिन हुई थी सुनवाई
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की तीन जजों की पीठ ने गुरुवार को वक्फ कानून की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत के सवालों का जवाब तैयार करने के लिए थोड़ा समय मांगा है। ऐसे में अदालत ने केंद्र सरकार को 7 दिन की मोहलत दी है।