कोरोना के क़हर के डर से शहर छोड़ कर गांव जा रहे हैं अमेरिकी

0
61

कोरोना लॉकडाउन की खबर आने के बाद भारत में लाखों दिहाड़ी मजदूर अपने गांव की ओर निकल पड़े. लेकिन दुनिया के सबसे संपन्न देश कहे जाने वाले अमेरिका में ऐसा क्यों हो रहा है?


इन दिनों अमेरिका में ज्यादातर लोग खाने पीने का सामान जमा करने में लगे हैं. सुपरमार्केट में जिस जिस सामान की कमी हो रही है, उसकी कालाबाजारी भी शुरू हो गई है. लेकिन इसके साथ साथ एक और बिजनेस भी फायदे में दिख रहा है, रियल एस्टेट का. फॉर्टीट्यूड रैंच जैसी कुछ कंपनियां लोगों को यह कह कर लुभा रही हैं कि वे उन्हें ऐसे दूर दराज के इलाकों में घर दिलाएंगी जहां उन्हें कोरोना से डरने की कोई जरूरत नहीं होगी. इसे “सर्वाइवल कम्यूनिटी” का नाम भी दिया गया है. कंपनी का नारा है, “बुरे वक्त की तैयारी के साथ वर्तमान का आनंद लें.”

कंपनी के सीईओ ड्र्यू मिलर का कहना है कि कोरोना संकट के बीच उनकी प्रॉपर्टी में रुचि दिखाने वालों की संख्या दस गुना बढ़ गई है. थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन से बात करते हुए उन्होंने बताया, “लोगों को डर है कि अगर वायरस और घातक साबित हुआ या क्वॉरंटीन से फायदा नहीं हुआ और ऐसे में अगर अर्थव्यवस्था बिगड़ती है, तो खाने की चीजों पर और न्याय व्यवस्था पर इसका असर पड़ेगा.” ऐसे में कंपनी इन घरों में अंडरग्राउंड बंकर देने का भी वादा करती है जो कथित रूप से न्यूक्लियर हमले से भी बचा सकेंगे. साथ ही इन घरों में पहले से खाने पीने का खूब सामान भरा गया होगा.

मिलर का कहना है कि इन घरों को यह सोच कर बनाया गया है कि “जब सामाजिक व्यवस्था ठीक से काम करना बंद कर देगी, चारों तरफ लूट मची होगी, कानून व्यवस्था का कोई अता पता नहीं होगा और शहर सुरक्षित नहीं रह जाएंगे” तब लोगों को एक सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराया जा सकेगा. अमेरिका में इस बीच कोरोना संक्रमण के दो लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. दुनिया में और किसी भी देश में इतने मामले नहीं देखे गए हैं. भीड़भाड़ वाले शहरों जैसे कि न्यूयॉर्क पर सबसे बुरा असर पड़ा है. ऐसे में कुछ लोग सुरक्षित रहने के लिए शहरों से भागने की सोच रहे हैं. लेकिन जानकारों का मानना है कि भीड़ से दूर गांव देहात में रहना और भी जानलेवा साबित हो सकता है क्योंकि जरूरत पड़ने पर वहां चिकित्सीय सुविधाएं आसानी से नहीं पहुंचाई जा सकेंगी.(dw.com)

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here