महराजगंज। जिले में बड़ी संख्या में शिक्षक टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) को अनिवार्य किए जाने के विरोध में सोमवार को धरने पर बैठे। विभिन्न ब्लॉकों और विद्यालयों से पहुंचे शिक्षकों ने एकजुट होकर नारेबाजी की और सदर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने नए व्यवस्था को शिक्षकों के अधिकारों व भविष्य के लिए संकट बताया।
शिक्षकों का कहना है कि वे वर्षों से विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन अब उनके अनुभव और सेवा की अनदेखी कर परीक्षा को अनिवार्य किया जा रहा है। कई शिक्षकों ने बताया कि उनकी उम्र अधिक हो चुकी है और वे पहले से आर्थिक व मानसिक दबाव में हैं, ऐसे में टीईटी परीक्षा पास करना कठिन चुनौती है। उन्होंने मांग की कि सेवा में कार्यरत शिक्षकों को टीईटी से छूट दी जाए और भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी व समयबद्ध हो।
धरना स्थल पर हुई सभा में शिक्षकों ने कहा कि वे बच्चों के भविष्य के लिए समर्पित हैं, लेकिन नीति निर्माता उनके योगदान की उपेक्षा कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुँचाया जाएगा और समाधान पर विचार होगा।विशेषज्ञों का मानना है कि टीईटी अनिवार्यता से बड़ी संख्या में शिक्षकों पर असर पड़ेगा और शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है। शिक्षक संगठनों ने इसे केवल परीक्षा का मामला नहीं, बल्कि सेवा अधिकारों का प्रश्न बताया है। धरना स्थल पर शिक्षकों ने शांति बनाए रखते हुए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया और सरकार से शीघ्र सकारात्मक निर्णय की अपेक्षा जताई।