अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट के बाद जनता का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. म्यांमार के लोगों का मानना है कि इस सैन्य कार्यवाही के पीछे चीन का हाथ है. यही वजह है कि पिछले नौ दिनों से हो रहे प्रदर्शन में निशाने पर चीन की सरकार है.
जनता के विरोध प्रदर्शन को कुचलने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. सेना ने टैंक तैनात कर दिए हैं. इंटरनेट बंद कर दिया गया है. जहाँ प्रदर्शन में जनता सुरक्षाकर्मियों पर भारी पड़ रही है वहां गोलीबारी भी की जा रही है.
म्यांमार में इंटरनेट के साथ-साथ टेलीफोनिक सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है ताकि लोगों तक जानकारियाँ पहुँचने से रोका जा सके. यूरोपीय यूनियन, कनाडा और ब्रिटेन सहित 11 पश्चिमी देशों ने सुरक्षाबलों से अपील की है किन वह हिंसात्मक कार्रवाई करने से बचें.
दरअसल म्यांमार की सत्ता आंग सांग सू की के हाथ में थी. यह जनता की चुनी हुई सरकार थी. आंग सांग सू की जनता में बेहद लोकप्रिय भी हैं. उनकी सरकार को बर्खास्त कर सेना ने सत्ता पर कब्ज़ा जमा लिया है तो जनता ने सेना के खिलाफ विद्रोह कर दिया है. इस विद्रोह को दबाने के लिए म्यांमार में यह पहली बार हुआ है कि तख्ता पलट के बाद सेना के टैंक और हथियारबंद गाड़ियाँ सड़कों पर उतर आई हों.
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सत्ता सेना के हाथ में आते ही म्यांमार में इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं. नागरिक स्वतन्त्रता को सस्पेंड कर दिया गया है. अधिकारियों को बगैर वारंट तलाशी और गिरफ्तारी के अधिकार दे दिए गए हैं.