वक़्फ़ माफिया मोहम्मद अब्दुल्लाह के पास है सैकड़ों वक़्फ़ सम्पत्तियों का प्रबंधन
मदरसा एकरा रहनुमाये मिल्लत एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी की सवा हैक्टेयर भूमि का कर लिया सौदा
गोरखपुर। लोगों ने यह सोच कर अपनी सम्पत्तियों को वक़्फ़ किया कि उसकी आमदनी से जब गरीबों मज़लूमों, यतीमों और विधवाओं की मदद होगी तो उसका सवाब ए जारिया उन्हें इस दुनिया से जाने के बाद भी मिलता रहेगा। लेकिन उन्हें क्या पता कि वो अपनी सम्पत्ति जिन हाथों में अमानत के तौर पर सौंप रहे हैं वही उसमें खयानत करेंगे।
मोहम्मद अब्दुल्लाह गोरखपुर शहर का वो नाम जिसके कंधे पर शहर की जामा मस्जिद, मुसाफिरखाना, अंजुमन इस्लामिया से लेकर सैकड़ों वक़्फ़ सम्पत्तियों और तमाम मस्जिदों की देख रेख की ज़िम्मेदारी है। यूं समझिए कि अगर अब्दुल्लाह को वक़्फ़ माफिया कहा जाए तो कुछ गलत नही है। मोहम्मद अब्दुल्लाह वो व्यक्ति है जिसने शहर की तमाम वक़्फ़ सम्पत्तियों को अपने पिता की जागीर की तरह इस्तेमाल किया।
चाहे जामा मस्जिद की दुकानों का मामला हो या सौदागर मोहल्ले की मस्जिद पर चढ़ा हुआ मकान जिसका सौदा एक तेल कम्पनी के ।मलिक से कर लिया गया, या फिर संगी मस्जिद की सम्पत्ति पर दिल्ली वाला शोरूम का मामला। जहां अपनी उम्र के आखरी पड़ाव पर पहुंच कर लोग अल्लाहताला को याद करने और अपनी आखरत सवारने में जुट जाते हैं । वहीं मोहम्मद अब्दुल्लाह पर पैसे की भूख इस क़दर हावी हुई की अब तालीम से जुड़ी सम्पत्ति को बाज़ार में ले आये।
ताज़ा मामला मदरसा एकरा रहनुमाये मिल्लत एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी का है । गरीबों और यतीमों की तालीम के लिए बनाए गए इस इदारे के नाम मनबेला, तप्पा खुटहन, परगना हवेली, तहसील सदर, जिला गोरखपुर में आराजी नंबर 285 266, 267, 269, 270 व 271 कुल रकबा 1.2150 हेक्टर दर्ज है। अब्दुल्लाह पर पैसे की भूख इस क़दर ग़ालिब हुई कि उन्होंने एक करोड़ रुपये में इसका सौदा तय कर लिए और 5 लाख रुपये पेशगी भी ले लिए जिसका बाकायदा रजिस्टर्ड मुहाइदाबय किया गया। जबकि वास्तव में यह रकम एक करोड़ रुपये से कई गुना ज्यादा है।
अब्दुल्लाह यह सम्पत्ति सीधे रजिस्ट्री कर देते लेकिन अड़चन यह थी कि राजस्व रिकार्ड में उक्त भूमि का मालिकाना हक मदरसा एकरा रहनुमाये मिल्लत एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अब्दुल्लाह के पिता स्व. मोहम्मद अमजदुल्लाह के पास था। बहरहाल उपरोक्त भूमि के नामांतरण के लिए लेखपाल और कानूनगो की परिक्रमा जारी है।





