शरद पवार ने वापस लिया इस्तीफा

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3 दिन पहले एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ा था, सुबह कोर कमेटी ने नामंजूर कर दिया था

मुंबई। 2 मई को एनसीपी का अध्यक्ष पद छोडऩे वाले शरद पवार ने 5 मई को अपना इस्तीफा वापस ले लिया। एनसीपी का नया अध्यक्ष चुनने के लिए 16 सदस्यीय कोर कमेटी की शुक्रवार को मुंबई में मीटिंग हुई थी। मीटिंग में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने पवार का इस्तीफा खारिज करने के लिए प्रस्ताव पेश कर उनसे फैसला वापस लेने का अनुरोध किया था।
कमेटी के बाकी सदस्यों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया और पवार का इस्तीफा नामंजूर कर दिया। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लगातार विरोध के बाद शरद पवार भी कह चुके थे कि नया अध्यक्ष चुनने के लिए 16 सदस्यीय कमेटी जो फैसला लेगी, उन्हें वह मंजूर होगा।
शुक्रवार सुबह पार्टी कोर कमेटी की बैठक खत्म होने के बाद प्रफुल्ल पटेल मुंबई के यशवंत राव चव्हाण सेंटर से बाहर आए और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीटिंग में हुए फैसले की जानकारी दी थी। इसके बाद सभी नेता पवार से मिलने गए और उन्हें मीटिंग की जानकारी दी। इसके बाद से ही पवार पर फैसला वापस लेने का दबाव बढ़ गया था।
प्रफुल्ल पटेल ने कहा- उनका कद और सम्मान अलग
प्रफुल्ल पटेल बोले- शरद पवारजी ने हम लोगों को सूचना दिए बिना फैसला लिया। सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की मांग पर कमेटी ने उनका इस्तीफा खारिज कर दिया। हमने उनसे पार्टी अध्यक्ष बने रहने की अपील की है। हमने उनसे अपील की है कि देश और पार्टी को आपकी जरूरत है। केवल एनसीपी ही नहीं, दूसरी पार्टियों ने भी यह रिक्वेस्ट की है कि पवार अध्यक्ष बने रहें। पटेल ने कहा- शरद पवार जी का कद और उनका सम्मान अलग है। हम अभी नया अध्यक्ष नहीं चुन पाएंगे। हम चाहते हैं कि पवार साहब अपना कार्यकाल पूरा करें।
दूसरे दलों के नेताओं ने भी पवार से इस्तीफा वापस लेने की अपील की थी
पवार ने 2 मई को अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। ऐलान के बाद से ही इस्तीफे का विरोध जारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने भी गुरुवार को पवार से इस्तीफा वापस लेने की अपील की थी। एनसीपी सूत्रों के मुताबिक, इस्तीफे के कुछ घंटों बाद ही दोनों ने सुप्रिया सुले को फोन किया और कहा था कि वे पवार को समझाएं। कई गैर-भाजपा दलों के नेताओं ने उन्हें अगले लोकसभा चुनाव तक पार्टी अध्यक्ष बने रहने की सलाह दी थी।
इस्तीफे का विरोध कर रहे थे कार्यकर्ता
बुधवार को पवार ने भी कहा था कि उन पर इस्तीफा वापस लेने के लिए भारी दबाव है। हालांकि उनके भतीजे अजित ने कहा कि साहब का फैसला पलटता नहीं है। इधर, शरद पवार के इस्तीफे के ऐलान के एक दिन बाद जितेंद्र आव्हाड ने पार्टी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद विधायक अनिल पाटिल ने भी शरद पवार को त्यागपत्र भेजा था। इसके अलावा शुक्रवार को पार्टी कार्यालय के बाहर एक कार्यकर्ता ने आत्मदाह का प्रयास किया। हालांकि कमेटी से इस्तीफा नामंजूर होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न शुरू कर दिया। वे नारेबाजी करने लगे।
नए अध्यक्ष के लिए तीन नाम चल रहे थे
बुधवार को मुंबई के यशवंत राव चव्हाण सेंटर में 16 सदस्यीय कमेटी की मीटिंग हुई थी। इसमें पार्टी के नए अध्यक्ष बनाने को लेकर चर्चा की गई। अध्यक्ष की दौड़ में अजित पवार, सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल का नाम आगे था। हालांकि, पार्टी महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि वे अध्यक्ष पद के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें पार्टी ने पहले ही बड़ी जिम्मेदारी दे रखी है।

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