बिलावल भुट्टो के सामने जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को खूब सुनाया

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कूटनीतिक बढ़त के लिए आतंकवाद को हथियार बनाना सही नहीं, भारतीय जमीं पर बोले बिलावल भुट्टो जरदारी
जयशंकर से मुलाकात के बाद बोले चीनी विदेश मंत्री, भारत-चीन सीमा पर हालात स्थिर…एलएसी पर शांति जरूरी
टेरर फंडिंग को रोका जाए, एससीओ समिट में बिलावल भुट्टो के सामने जयशंकर ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। जयशंकर ने पाकिस्तान, चीन समेत सभी एससीओ सदस्य देशों के सामने साफ शब्दों में कहा कि भारत सीमा पर आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर आतंकवाद से लडऩा होगा। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को हराना है तो टेरर फंडिंग पर रोक लगानी जरूरी है।
इससे पहले विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने पणजी में विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद की बैठक के लिए रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मैं एससीओ की भारत की पहली अध्यक्षता के तहत आपकी मेजबानी करते हुए हर्षित महसूस कर रहा हूं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत एससीओ में बहुपक्षीय सहयोग के विकास को और शांति एवं स्थिरता के संवर्धन को बहुत महत्व देता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान की ओर परोक्ष इशारा करते हुए कहा कि सीमापार आतंकवाद समेत इसके सभी स्वरूपों का खात्मा किया जाना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण के सभी तरीकों को बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब दुनिया कोविड-19 महामारी और उसके प्रभावों से निपटने में लगी थी, तब भी आतंकवाद की समस्या ज्यों की त्यों बनी रही। माना जा रहा है कि उनका निशाना पाकिस्तान की ओर था। जयशंकर ने कहा कि हम पुरजोर तरीके से मानते हैं कि आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता और सीमापार से आतंकवाद समेत हर तरह की दहशतगर्दी पर रोक लगनी चाहिए।
शुक्रवार को हुई कांग-जयशंकर वार्ता पर यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि कांग ने कहा कि दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को लागू करते रहना चाहिए, मौजूदा प्रयासों को मजबूत करना चाहिए, प्रासंगिक समझौतों का सख्ती से पालन करना चाहिए, सीमा की स्थिति को और सहज एवं सरल करने पर जोर देना चाहिए तथा सीमाई इलाकों में स्थायी शांति एवं स्थिरता बनाए रखनी चाहिए।
वार्ता के बाद एक ट्वीट में जयशंकर ने कहा कि शेष मुद्दों को हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर चीन के विदेश मंत्री छिन कांग के साथ विस्तृत चर्चा हुई है। लंबित मुद्दों को हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। जयशंकर ने कहा कि एससीओ, जी-20 और ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्र ीका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई। कांग ने कहा कि चीन और भारत, दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले विकासशील देशों के रूप में आधुनिकीकरण के एक महत्वपूर्ण दौर में हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार को गोवा में एससीओ-विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शांति की संभावनाओं का अंदाजा तब लगाया जा सकता है जब महान शक्तियां शांतिदूतों की भूमिका निभाएं। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने मुख्य संबोधन में जरदारी ने सामूहिक रूप से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हमें कूटनीतिक बिंदुओं पर बढ़त हासिल करने करने के लिए आतंकवाद को हथियार बनाने में नहीं फंसना चाहिए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद पर पाक को घेरा था
जरदारी का यह बयान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के एससीओ बैठक के दौरान उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने सीमा पार आतंकवाद की चर्चा करते हुए कहा कि था कि यह बेरोकटोक जारी है। उन्होंने कहा था कि सीमा पार आतंकवाद सहित आतंक के रूपों और अभिव्यक्तियों पर लगाम लगनी चाहिए।
जरदारी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) में भाग लेने के लिए यहां आए हैं और संयोग से लगभग 12 वर्षों में भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं। इस दौरान बहुपक्षवाद के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बिलावल ने कहा, अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करने वाले देशों की ओर से एकतरफा और अवैध कदम एससीओ के उद्देश्यों के विपरीत हैं।
आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के संबंधों में हैं तल्खी
पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों के संबंध में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कई वर्षों से अनिश्चित रहे हैं। इस्लामाबाद किसी भी वार्ता के पूर्व पूर्व भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है।
हाल ही में 20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में भीमबेर गली और पुंछ से गुजर रहे सेना के एक वाहन पर अज्ञात आतंकवादियों ने ग्रेनेड से गोलीबारी की थी, जिसमें पांच सैनिकों की मौत हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से होने का संदेह था। जरदारी ने अपने संबोधन में एक अंतर सरकारी संगठन के रूप में एससीओ की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, एससीओ रचनात्मक और परस्पर लाभकारी सहयोग के माध्यम से आपसी समझ, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में उभरा है।
बिलावल बोले- एससीओ हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण, मेरा गोवा में मौजूद होना इसका प्रमाण
उन्होंने सामूहिक कार्रवाई का भी आग्रह किया और कहा कि हमारे लोगों की सामूहिक सुरक्षा हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है। जरदारी ने एससीओ के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत पहुंचने पर कहा, एससीओ को पाकिस्तान जितना महत्व देता है, उसके लिए इससे ज्यादा शक्तिशाली संकेत नहीं हो सकता कि इस सीएफएम के लिए मैं गोवा में मौजूद हूं।
बिलावल भुट्टो जरदारी बोले- हम अपना इतिहास बनाएंगे
2026 में जब पाकिस्तान एससीओ का अध्यक्ष होगा मेरा मानना है कि एक राजनयिक पारस्परिक व्यवस्था के आधार पर भारत एससीओ में भाग लेने का फैसला करेगा। हमारा दिल से मानना है कि हर पाकिस्तानी और सभी भारतीय शांति से रहना चाहते हैं और शांति हमारी नियति है। हम इतिहास के बंधक नहीं बनेंगे। पाकिस्तानी मीडिया ने अपने विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के हवाले से कहा, हम अपना इतिहास बनाएंगे।

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