क्वालिटी सेल समेत सात अधीक्षक सम्मानित, मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर मंथन

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अवधनामा संवाददाता

मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में हुई डीएचएस की बैठक

गोरखपुर । मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा की अध्यक्षता में शनिवार की शाम हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिला क्वालिटी सेल समेत हाल ही में कायाकल्प अवार्ड जीतने वाले सभी सात सीएचसी के अधीक्षक सम्मानित किये गये। बैठक के दौरान मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता व गैप्स पर मंथन हुआ । नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, मंत्रा एप पर फीडिंग, ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों के एडॉप्शन और छाया वीएचएसएनडी को मजबूती प्रदान करने के बारे में भी विशेष तौर पर चर्चा हुई।

नियमित टीकाकरण सम्बन्धित विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ संस्थाओं के फीडबैक के आधार पर सीडीओ ने दिशा निर्देश दिया कि समुदाय में इस संदेश को प्रचारित व प्रसारित करें कि बच्चे के जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक सात बार नियमित टीकाकरण जरूरी है। यह टीके बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाते हैं । सत्र व सत्र स्थल की अग्रिम सूचना आशा कार्यकर्ता द्वारा सभी लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचाया जाए। इसके अलावा मंत्रा एप पर प्रसव कक्ष से ही कम से कम 95 फीसदी फीडिंग अवश्य हो ।

इस मौके पर क्वालिटी सेल के जिला प्रशासनिक कार्यक्रम सहायक विजय श्रीवास्तव, भटहट सीएचसी के अधीक्षक डॉ अश्वनी चौरसिया, जंगल कौड़िया सीएचसी के अधीक्षक डॉ मनीष चौरसिया, बरही सीएचसी के अधीक्षक डॉ एसके मिश्रा, पाली सीएचसी के अधीक्षक डॉ सतीश सिंह, गगहा सीएचसी के अधीक्षक डॉ बृजेश बरनवाल, पिपराइच सीएचसी के अधीक्षक डॉ मणि शेखर और सहजनवां सीएचसी के अधीक्षक डॉ व्यास कुशवाहा को सीडीओ ने पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि बैठक में ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों को एडॉप्ट कर टीबी उन्मूलन की लड़ाई को जनान्दोलन बनाने के बारे में चर्चा हुई। मुख्य विकास अधिकारी ने अपने स्तर से भी प्रयास कर विभिन्न विभागों और निजी संस्थाओं को इस मुहिम से जोड़ने का आश्वासन दिया। हीट वेव, बदलते मौसम और संक्रामक बीमारियों की आशंका के मद्देनजर छाया ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (छाया वीएचएसएनडी) पर ओआरएस के पैकेट और आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में रखने का निर्देश दिया गया । इन सत्रों पर आयरन फोलिक एसिड की गोली, कैल्शियम की गोली, एचआईवी व अन्य जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए । नवजात स्वास्थ्य सेवा को मजबूती प्रदान करने के लिए आशा की ओर से किये जाने वाले गृह भ्रमण की नियमित जांच करने और बीमार बच्चों को सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट भेजने के लिए प्रेरित करने को कहा गया। मातृ मृत्यु की ऑडिट एक माह के भीतर करा कर पोर्टल पर दर्ज करना है। बच्चों के मृत्यु की रिपोर्टिंग व ऑडिट को भी सुनिश्चित करना है । बैठक के दौरान सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के प्रतिनिधि ने भी स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण सम्बन्धित प्रस्तुति दी ।

बैठक में जिला महिला अस्पताल के कार्यवाहक एसआईसी डॉ जय कुमार, जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ अंबुज श्रीवास्तव, एसीएमओ डॉ नंद कुमार, डॉ एके चौधरी, डॉ नंदलाल कुशवाहा, डीएमओ अंगद सिंह, डिप्टी डीटीओ डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, डैम पवन कुमार, जेई एईएस कंसल्टेंट डॉ सिद्धेश्वरी सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा, डीपीसी धर्मवीर प्रताप, हॉस्पिटल मैनेजर डॉ मुकुल व डॉ कमलेश और सहायक आदिल फखर प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

भटहट की भूमिका सराही गयी

सीएमओ ने बताया कि कायाकल्प पुरस्कार योजना में प्रदेश में दूसरा स्थान लाने वाले भटहट सीएचसी की भूमिका की बैठक में सराहना की गयी । सीएचसी के अधीक्षक डॉ अश्वनी चौरसिया से अन्य केंद्रों को प्रेरणा लेने को कहा गया और पाया गया कि इस सीएचसी सभी संकेतांक बेहतर हैं। एक डिप्टी सीएमओ के तौर पर स्टोर और राष्ट्रीय कार्यक्रम की दोहरी जिम्मेदारी संभालते हुए भटहट सीएचसी के अधीक्षक का भी दायित्व देखना और प्रत्येक कार्यक्रम में नंबर वन रहना डॉ चौरसिया को एक नजीर की तरह पेश कर रहा है।

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