संडीला/हरदोई – नगर की परंपरा और आस्था का प्रतीक श्री महावीर झंडा मेला इस वर्ष 1 से 4 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। लगभग सौ वर्ष पुराना यह मेला नगर की सांस्कृतिक धरोहर माना जाता है और जनपद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में संडीला की पहचान बन चुका है। हर वर्ष यहां लाखों श्रद्धालु और दर्शक शामिल होकर धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं।
मेला कमेटी के अध्यक्ष शैलेश अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि मेले की शुरुआत 1 सितंबर को धार्मिक कार्यक्रमों से होगी। इस दिन राम जन्म, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार और गंगा लीला का मंचन होगा। इन झांकियों और नाट्य मंचनों का नगर के धार्मिक वातावरण पर विशेष प्रभाव पड़ता है और लोग बड़ी संख्या में उन्हें देखने पहुंचते हैं।
2 सितंबर को सुबह श्री महावीर मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा में सजीव झांकियां, बैंड-बाजे और धार्मिक झंडे विशेष आकर्षण होंगे। इसी दिन रामलीला मैदान में जनक विलाप, रावण-बाणासुर संवाद और लक्ष्मण-परशुराम संवाद का मंचन होगा। 3 सितंबर को नगर की गल्ला मंडी में परंपरागत जवाबी कीर्तन आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न मंडलियों के बीच भक्ति संगीत की प्रस्तुतियां होंगी। वहीं 4 सितंबर को कवि सम्मेलन के साथ चार दिवसीय मेले का समापन होगा। कवि सम्मेलन में प्रदेश और बाहर से आए कवि अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को भावविभोर करेंगे।
मेला कमेटी ने प्रशासन से मांग की है कि मेले के दौरान नगर में बिजली कटौती न हो। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु मेडिकल कैम्प, सफाई व्यवस्था, पानी सप्लाई और प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सुरक्षा प्रबंधों को भी मजबूत बनाने की अपील की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
अध्यक्ष शैलेश अग्निहोत्री ने बताया कि झंडा मेला केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है। मेले में हर वर्ष लगभग एक लाख श्रद्धालु आते हैं, जिनमें दूर-दराज जिलों के लोग भी शामिल रहते हैं।
इस अवसर पर मेला कमेटी के उपाध्यक्ष अजय द्विवेदी, मनोज कुमार अस्थाना, महामंत्री रमाकांत द्विवेदी, उदय प्रताप चौरसिया मौजूद रहे।