इराक में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से फिर हुआ हमला !

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इराक की राजधानी बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास पर फिर एक बार रॉकेट दागे गए हैं। हालांकि इस हमले में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। गौरतलब है कि सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के मकसद से अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरानी सेना द्वारा कई बार हमला किया जा चुका है।

इससे पहले जब जनवरी में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट दागे गए थे तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए दोबारा हमला न करने की हिदायत दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर फिर से हमले होते हैं तो ईरान को तबाह कर दिया जाएगा। वहीं ईरानी सेना ने पलटवार करते हुए कहा था कि अमेरिका में युद्ध करने का साहस नहीं है।

ट्रंप ने कहा था हमला हुआ तो ईरान को तबाह कर देंगे
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इराक को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर ईरान ने फिर हमला किया को उसे प्रतिशोध भुगतना होगा। वहीं, ट्रंप ने इरान को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर इराक से अमेरिकी सुरक्षा बलों को जाने के लिए मजबूर किया तो अमेरिका उस पर बहुत बड़े प्रतिबंध लगाएगा।

 

ईरान ने अपने ऊपर लगे परमाणु कार्यक्रम को संचालित करने वाले प्रतिबंध को हटा लिया है। ईरान अब 2015 के अपने परमाणु समझौते की किसी भी सीमा का पालन नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने बताया था कि ईरान और वैश्विक ताकतों के बीच 2015 में परमाणु समझौते पर सहमति हुई थी, लेकिन अमेरिका 2018 में इससे पीछे हट गया था।

इराकी संसद ने अमेरिकी सेना को देश से निकालने का प्रस्ताव हो चुका है पारित
इराकी संसद ने अमेरिकी सेना को देश को निकालने का प्रस्ताव जनवरी में पारित किया था। यहां के सांसदों ने देश में विदेशी सैन्य मौजूदगी खत्म करने के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया था। ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की इराक में अमेरिका ने ड्रोन मिसाइल से हत्या कर दी थी। इसके दो दिन बाद यह कदम बढ़ते तनाव को देखते हुए उठाया गया था। प्रस्ताव में साफ तौर पर अमेरिका से चार वर्ष पहले हुआ समझौता रद्द करने की बात कही गई है, जिसके तहत अमेरिका ने आईएसआईएस से लड़ने के लिए इराक में सैनिक भेजे हैं।

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