घर घर बिछा फरशे अज़ा शुरू हुई मजलिसें
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। फरशे अज़ा पर फकत ज़िक्र ए हुसैन का ज़िक्र नही होता फरशे अज़ा पर मूसा का भी जिक्र है फरशे अज़ा पर ईसा का भी जिक्र है फरशे अज़ा पर तमाम अम्बिया का ज़िक्र है सबसे बढ़कर तौहीदे इलाही का ज़िक्र है। अगर कोई तौहीदे इलाही का जिक्र कर दे तो विदअत कहते है।
उक्त उदगार क्षेत्र के हल्लौर स्थित माहताब हैदर रिज़्वी एडवोकेट के आवास पर पहली मुहर्रम को आयोजित मजलिस को ज़ाकिरे अहलेबैत मोहम्मद यूसुफ ने कही। उन्होंने कहा कि मजलिसो में पहुँचिये और सुनिए कि इमाम हुसैन अस का मकसद क्या था।
बगैर फरशे हुसैन के ये फरशे अज़ा किसी काम नही आने वाला है लेकिन अगर मकसदे हुसैन साथ में है तो ये फरशे अज़ा आपको मेराज तक ले जाएगा। ये अज़ादारी आपको मेराज तक ले जाएगी। अंत में मसाएब ए कर्बला बयान किया तो हर आंख में आंसू नज़र आये।
मजलिस से पूर्व अम्बर मेंहदी, जलाल मास्टर, इक़्तेदार मेंहदी ने मरसिया पेश किया। मजलिस के दौरान ज़ाकिरे अहलेबैत अज़ीम हैदर, जमाल हैदर, मोहम्मद मेंहदी मुन्नू, मंगलमीरा, काशान, शमशाद हैदर, नजफ़, लल्ला रेलवे सहित तमाम लोग मौजूद रहे।