अवधनामा संवाददाता
घर वाले कर रहे बेसब्री से इंतजार
बांदा। पाकिस्तान की जेल में कैद रहा जिले के तिंदवारी थाना क्षेत्र के जसई पुर गांव निवासी रफीक पाकिस्तान की जेल से 27 माह बाद जेल से रिहा होकर वाघा सीमा के रास्ते अटारी पहुंचा। पाक रेंजर्स ने वाघा-अटारी सीमा जीरो लाइन पर उसे बीएसएफ के हवाले किया।
जानकारी के अनुसार ज्वाइंट चेक पोस्ट अटारी पर तैनात पुलिस जिला देहाती के प्रोटोकाल अधिकारी ने उसका इमिग्रेशन और कस्टम चेक करवाने में मदद की। इधर जैसे ही रफीक के परिजनों को पाकिस्तान जेल से रिहा होने की खबर मिली वैसे ही परिजनों में खुशी का माहौल छा गया। परिजन घर वापसी के लिए उसका बेसब्री से इंताजर कर रहे हैं। माता और पिता बेटे को सीने से लगाने को बेताब हैं। तिंदवारी क्षेत्र के जसईपुर गांव निवासी रफीक पुत्र लल्लू खां पाक जेल से रिहा होकर 27 माह बाद घर लौटेगा। बुधवार को फोन पर परिवार को सूचना मिली कि रफीक पाकिस्तानी जेल से रिहा हो गया है और वतन लौट रहा है। यह खबर मिलते ही परिजनों के साथ पड़ोसियों में खुशी की लहर दौड़ गई। रफीक की घर वापसी को लेकर परिजन स्वागत की तैयारियों में जुट गए।
भाई तौफीक ने बताया कि गुजरात के ओखा मजदूरी करने गया था। तभी गलती से पाकिस्तान की समुद्री सीमा में पहुंचने पर पाक सैनिकों ने से उसे पकड़ लिया। 27 माह तक रफीक की तलाश में पूरा घर परेशान था। हर वह दरवाजा खटखटाया जहां से हमें उम्मीद थी। अब जब रफीक वापस आ गया है तो उसका स्वागत करने के लिए मन मचल रहा है। राजू की मां ने कहा कि वह अपने बेटे को सीने से लगाने के लिए बेताब है।