आशा राम बापू की रिहाई मांग को लेकर निकाला विरोध जुलूस ,राष्ट्रपति को संबोधित सौपा पत्रक

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आसाराम बापू पर लगाए गए आरोप निराधार व झूठे

आजमगढ़। आसाराम बापू की रिहाई की मांग को लेकर विरोध जुलूस निकालकर उनके अनुयायियों व समर्थकों ने विश्व महिला दिवस (8 मार्च) के उपलक्ष्य में संस्कृति रक्षा अभियान के अंतर्गत सनातन संस्कृति के मुख्य स्तम्भरूप संत आशारामजी बापू जैसे ब्रह्मवेत्ता संतों पर एक के बाद एक हो रहे अन्याय एवं अत्याचार को रोककर उनकी तत्काल व ससम्मान रिहाई हेतु जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति संबोधी पत्रक सौंपा परिवार से लेकर समाज, देश तथा विश्व की उन्नति में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। अतः महिलाओं को अपनी वास्तविक हिना से अवगत करवाकर उनके सर्वांगीण विकास हेतु सत आशारामजी बापू द्वारा स्थापित महिला उत्थान मंडल की देशभर में फैली खाए निरंतर प्रयासरत हैं। बापूजी की पावन प्रेरणा व मार्गदर्शन में पिछले 55 से भी अधिक वर्षों से विश्व-कल्याण, संस्कृति संरक्षण व हिला उत्थान के विभिन्न सेवाकार्यों का निरंतर संचालन हो रहा है। पूज्य बापूजी के जीवन, उपदेशों तथा उनके द्वारा चलाये जा रहे विध संयम सदाचार प्रेरित सेवा प्रकल्पों से लाखों बच्चे सुस्सकारित हुए हैं, युवक-युवतियों को सही दिशा मिली है। अनैतिकता, विकारों, सनों में पड़े अनगिनत लोगों का जीवन परिवर्तित हुआ है। बापूजी ने मत, पंथ, संप्रदाय, जाति की संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर नीको एक सूत्र में पिरोते हुए ईश्वरीय मार्ग पर आगे बढ़ाया है। लोकहित में अपना पूरा जीवन अर्पित करनेवाले संयममूर्ति ऐसे महापुरुष को षड्यंत्र के तहत झूठे आरोपों में फँसाया गया है। इन रोपों को सिद्ध करने के लिए न्यायालय के पास एक भी सीधा प्रमाण नहीं है। फिर भी बापूजी को आजीवन रावास की सजा दी गयी है। इसी प्रकार एक अन्य सुनियोजित षड्यंत्र के तहत दूसरे केस में अहमदाबाद की एक महिला को मोहरा बनाकर बापूजी को झूठा नाया गया है। लड़की के अलग-अलग बयानों में अनेकों विसंगतियाँ होते हुए भी 10 वर्ष से पूज्य बापूजी जेल की यातनाओं को सहते हुए क्षारत हैं। लेकिन आखिर यहाँ के भी झूठे, बनावटी केस में बापूजी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गयी है। उपरोक्त दोनों के महत्त्वपूर्ण तथ्य साथ में संलग्न हैं। प्रसिद्ध न्यायविदों एवं कई संतों ने न्यायालय के इन निर्णयों को भारतीय न्याय व्यवस्था की ऐतिहासिक भूल कहा है। कवादियों, नेता-अभिनेताओं, पादरियों व पत्रकारों को जघन्य अपराधों के बावजूद बेल, पैरोल, फरलो, सजा स्थगन जैस अनेकों प्रकार की राहत दी गई परंतु पूज्य बापूजी पर किया गया केस पूरी तरह से भगत है पिछले 10 वर्षों में 1 घंटे की भी बेल पेरोल या अन्य कोई राहत नहीं दी गई जिससे आहत होकर महिला उत्थान मंडल ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित पत्र सौंपा और उनकी रिहाई की मांग इस अवसर पर मीरा नीता अनीता निषाद विद्या देवी विमला एमिटी देवी सहित दर्जनों अनुयाई उपस्थित रहे।

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