जलालपुर अंबेडकरनगर कस्बा जलालपुर व आसपास के क्षेत्रों में पैगम्बर हज़रत मोहम्मद साहब की इकलौती बेटी हजरत फात्मा जहरा के जन्मदिन के अवसर पर जश्न व महफ़िल- ए -मकासदा का सिलसिला जारी है। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में नज़र नियाज़ का सिलसिला भी जारी है। बीती रात मोहल्ला फरीदपुर स्थित मास्टर अलमदार हुसैन के आवास पर जश्न मिस्दाक- हल- अता का भव्य आयोजन किया गया।
जिसमें स्थानीय शायरों ने हज़रत फात्मा जहरा की शान में कसीदे पढ़कर खूब वाहवाही बटोरी। मौलाना अली अब्बास फैजी ने हजरत फात्मा जहरा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अशिक्षित अरब समाज में बेटी पैदा होने पर लोग अभिशाप मानते थे और बेटी को जिंदा ही दफन कर दिया करते थे तो ऐसे वातावरण में पैगम्बर हज़रत मोहम्मद साहब ने बेटियों को बराबरी का दर्जा देकर अरब में फैली कुरीतियों को समाप्त किया।
हज़रत फात्मा जहरा ने खुद एक बेटी, पत्नी व मां के तौर पर वह मिशाल पेश किया,जो दुनिया में बेमिसाल है।इस लिए फात्मा जहरा के जीवन से सीख लेकर आज की महिलाएं समाज की बेहतर संरचना करें। मौलाना अली असगर मशहदी के संचालन में स्थानीय शायरों जिनमें मास्टर अशफाक,अंसर जलालपुरी, जैगम जलालपुरी,शरफ जलालपुरी, अकबर एजाज कायमी, मास्टर अहमद,ज़ीशान हैदर, मौलाना कर्रार हुसैन, गुलाम अब्बास, मौलाना निशान अली, मोहम्मद शाहिद,वसीम हैदर, मास्टर मीसम रज़ा,अम्मार हैदर आदि ने हजरत फात्मा जहरा की शान में कसीदे पढ़े। इब्ने अली जाफरी,इमरान,सैफ अब्बास राजू अजादार हुसैन, फिरोज हैदर,मेयार फैजी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।





