हम तटस्थ नहीं…यूक्रेन-रूस युद्ध पर पीएम मोदी की खरी-खरी, सीमा विवाद पर चीन को भी दिया दो टूक जवाब
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को अपने चार दिवसीय अमेरिकी यात्रा के लिए रवाना हुए। पीएम मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह योग दिवस समारोह, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ डिनर सहित कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे के लिए रवाना हो गए हैं और इससे पहले उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल को इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कई बड़े मुद्दों पर बात की। उन्होंने भारत-अमेरिका के संबंध, रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत-चीन के बीच के सीमावर्ती मुद्दों को लेकर भी अपना पक्ष रखा। पीएम मोदी के इस दौरे को भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्ते की मजबूती के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर सवाल किया गया, जिसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत शांति के पक्ष में है और शांति ही भारत की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा, सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवादों को कूटनीति और संवाद से सुलझाया जाना चाहिए, न कि युद्ध से। कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं, लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्ष में हैं, दुनिया को पूरा भरोसा है कि भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता शांति है।
द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन जरूरी
इसके साथ ही, इंटरव्यू के दौरान अमेरिका पहुंचने से पहले ही पीएम मोदी ने चीन को चेतावनी दे दी है। उन्होंने कहा, चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के लिए एलएसी पर शांति बहाली जरूरी है। संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है। साथ ही, हम भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन जरूरी है। उन्होंने कहा, भारत और चीन ने पिछले तीन वर्षों में पश्चिमी हिमालय में बड़ी संख्या में सैनिकों और उपकरणों को तैनात किया है, जिसमें 20 भारतीय सैनिक और चार चीनी सैनिक आमने-सामने की लड़ाई में मारे गए थे।
यूएन का हिस्सा बनना चाहता है भारत
यूएन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत यूएन का हिस्सा बनना चाहता है। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वर्तमान सदस्यता का मूल्यांकन होना चाहिए और दुनिया से पूछा जाना चाहिए कि क्या वह भारत को वहां रखना चाहती है।
आजाद भारत में जन्मा पहला पीएम हूं
वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं। उन्होंने कहा, मैं स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं और इसलिए मेरी विचार प्रक्रिया मेरे देश की विशेषताओं और परंपराओं से प्रेरित और प्रभावित है। पीएम मोदी ने कहा, भारत अधिक उच्च, गहरी और व्यापक प्रोफाइल और एक भूमिका का हकदार है।
बेहद अहम है पीएम मोदी का दौरा
मोदी मंगलवार को अमेरिका की राजकीय यात्रा पर रवाना हुए, जिसे द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरे पर दोनों देश रक्षा और उच्च प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत और गहरे हैं।
पहले से ज्यादा इंटरकनेक्टेड और इंटरडिपेंडेंट दुनिया
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के नेताओं में एक-दूसरे के प्रति अभूतपूर्व विश्वास पैदा हुआ है। उन्होंने कहा, हम भारत को किसी अन्य देश के पीछे नहीं देखते हैं, हम भारत को दुनिया में उसकी सही जगह देख रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज की दुनिया पहले से कहीं ज्यादा इंटरकनेक्टेड और इंटरडिपेंडेंट हैं। उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन में और विविधता लाने की जरूरत है।