पायलट-गहलोत में फिर दिखा टकराव

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जयपुर। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच की तल्खी बुधवार को एक बार फिर जाहिर हुई। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में आने वाली है। इसकी तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक में गहलोत और पायलट दूर-दूर बैठे दिखे। दोनों नेताओं ने आपस में बात भी नहीं की। सचिन पायलट तो मीटिंग खत्म होने से पहले ही वहां से चले गए। राजस्थान में 25 सितंबर को हुए सियासी बवाल के बाद पहली बार दोनों नेता किसी इवेंट में एक साथ पहुंचे थे।
दरअसल, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 3 दिसंबर को यात्रा राजस्थान में आएगी। राहुल यहां 17 दिन तक रहेगी और यहां से हरियाणा जाएगी। यात्रा की राजस्थान में तैयारियों को लेकर समन्वय समिति की पहली मीटिंग कांग्रेस वॉर रूम में हुई। इसमें समिति के 33 सदस्य शामिल हैं।
मीटिंग खत्म होने से 30 मिनट पहले निकल गए सचिन
कांग्रेस की बैठक में गहलोत और पायलट की कुर्सी दूर-दूर थीं। पायलट हरीश चौधरी के बगल में बैठे। वहीं, अशोक गहलोत के एक ओर जितेंद्र सिंह और दूसरी ओर प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा बैठे थे। करीब 12 बजे शुरू हुई मीटिंग में अशोक गहलोत देरी से पहुंचे और सचिन पायलट मीटिंग खत्म होने से करीब आधा घंटे पहले निकल गए।
जयपुर के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीटिंग के दौरान दोनों बड़े नेताओं को लेकर चर्चा का माहौल था। करीब दो महीने बाद पायलट-गहलोत किसी पार्टी मीटिंग में साथ थे।
भारत जोड़ो यात्रा के रूट का जायजा लेगी समिति
भारत जोड़ो यात्रा में बुधवार को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में है। बैठक में तय किया गया कि समन्वय समिति के सदस्य 25 नवंबर को राजस्थान में मध्य प्रदेश बॉर्डर से लेकर हरियाणा बॉर्डर तक के 527 किलोमीटर रूट का जायजा लेंगे।
भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों के लिए कांग्रेस की समन्वय समिति की पहली बैठक हो रही है। इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कमेटी के 33 मेंबर पहुंचे।
विजय बैंसला को पायलट का जवाब
गुर्जर नेता विजय बैसला की धमकी और गुर्जर ष्टरू से जुड़े सवाल पर सचिन पायलट ने कहा& कांग्रेस पार्टी जब 21 सीट पर सिमट गई थी, हमें उस समय सब वर्गों से सहयोग मिला। हमें बहुमत सब वर्गों के सहयोग से मिला। उस बहुमत पर हम कारगर उतर सके उसकी कोशिश है।
भाजपा की नीति तोडऩे की है, यात्रा का मकसद जोडऩा है। राहुल गांधी की यात्रा से भाजपा के लोग विचलित हैं। वह यात्रा में बाधा डालना चाहते हैं। यह कोई राजनीतिक यात्रा नहीं है, इसके जरिए राहुल गांधी लोगों की बात सुन रहे हैं। राजस्थान में यात्रा भी सफल होगी।
अजय माकन नाराज होकर इस्तीफा दे चुके, नहीं पहुंचे
भारत जोड़ो यात्रा की समन्वय समिति में प्रदेश प्रभारी अजय माकन मेंबर हैं, लेकिन वह ?इस्तीफा दे चुके हैं, ऐसे में बैठक में शामिल नहीं हुए। माकन ने 8 नवंबर को ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को चि_ी भेजकर राजस्थान प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया था। माकन का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है, लेकिन उन्होंने राजस्थान को लेकर कोई बैठक या फैसला भी नहीं किया है।
इस वजह से नाराज हैं माकन
माकन ने 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में जिम्मेदार ठहराए गए तीन नेताओं शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दिया है।
माकन ने खडग़े को लिखी चि_ी में इस बात पर नाराजगी जताते हुए पद छोडऩे की पेशकश की थी। 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक के लिए खडग़े और माकन पर्यवेक्षक थे, दोनों की रिपोर्ट के आधार पर ही तीनों नेताओं को नोटिस जारी किए गए थे।
6 जिलों में 521 किलोमीटर का होगा राहुल की यात्रा का रूट
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के छह जिलों से होकर गुजरेगी। यह यात्रा झालवाड़ जिले से मध्यप्रदेश से राजस्थान में एंटर करेगी। झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा, अलवर जिले से होकर गुजरेगी। इन छह जिलों में यात्रा 521 किलोमीटर का सफर तय करेगी। करीब 3 दिसंबर को यात्रा राजस्थान में आएगी, 17 दिन तक राहुल की यात्रा राजस्थान में रहेगी।
जिला स्तर पर भी यात्रा के लिए बनाईं कमेटियां
राज्य स्तर पर समन्वय समिति के अलावा जिला स्तर पर यात्रा के लिए कॉर्डिनेटर समिति बनाई है। जिले की समिति में प्रभारी मंत्री, संगठन के जिला और संभाग प्रभारी, जिले के सांसद उम्मीदवार,विधायक और विधायक उम्मीदवार और बोर्ड निगमों के अध्यक्ष समिति के सदस्य बनाए गए हैं ।

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