Sunday, April 28, 2024
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पाकिस्तान सरकार की मजबूरी

एस. एन. वर्मा

पाकिस्तान सरकार मजबूरी यह है कि कर्ज में डूबे अर्थव्यवस्था में बदहाल पाकिस्तान सरकार को माली मदद देने पर सोच विचार कई देशो और अन्तरराष्ट्रीय संगठन में चल रहा है। अगर इमरान के खिलाफ संघर्ष लम्बा खिंचता है तो पाक को बाहरी माली मदद से मरहूम हो सकता है जो सरकार को जीने मरने का सवाल बना हुआ है। इसीलिये इमरान के खिलाफ चाह कर भी सख्त कारवाई नहीं कर पा रही है। इमरान पर आरोप है कि जो गिफ्ट उन्हें मिले है तोशखानेे से निकाल लेने का आरोप है। पर तोशखाने रिपोर्ट में कहा गया है कि 2002 के बाद जितने भी प्रधानमंत्री हुये है सभी ने तोशखानेे से गिफ्ट उठाये है। पाकिस्तान में सेना, कोर्ट और मुल्लाओं का अघोषित गठबन्धन है।
तोशखाने उपहार को लेकर इमरान पर गैर जमानती वारन्ट है। इसे लेकर पुलिस जब इमरान के घर पहुंची तो समर्थको ने उन्हें रोक लिया। रात भर समर्थक घर के बाहर डटे रहे। पुलिस ने समर्थको को हटाने के लिये आंसू गैस, को गोले छोडे। पानी की बौछारे फेकी। पर समर्थक टस से मस नहीं हुये बल्कि आगजनी की पुलिस को पीटाई कर दी। तब पाक सेना से रेन्जर्स भेजे गये। इमरान ने आरोप लगाया कि लन्दन में चूकि पूर्व पीएम नवाज शरीफ इस समय लन्दन में है उनके इशारे पर सेना उनकी हत्या करनी चाहती है। पाकिस्तान में सत्ता के लिये हत्या या सैनिक क्रान्ति तो पुराना खेल है। इमरान समर्थको से पूरे 24 घन्टे संघर्ष की घटना दुनिया की आंखो में चढ़ने लगी। तब बदनामी की डर से रेन्जर पीछेे हट गये। हालाकि सरकार की ओर से बहाना किया गया कि लाहौर में पाकिस्तान क्रिकेट लीग का मैच होना है इसलिये सरकार फिलहाल पीछे हट गई है।
इमरान की पार्टी तहरीक ए इन्साफ जिस बहादुरी के साथ इमरान के प्रति अपना लगाव दिखाया और उसी लगाव के फलस्परूप देश भर में अन्दोलन का एलान किया है। कितने दिन तक यथास्थिति बनी रहेगी कहा नहीं जा सकता। कभी भी अन्दोलन शुरू हो सकता है। क्योकि इमरान को गिरफ्तारी से बचाने के लिये जिस हिम्मत और जोश से समर्थक डटे रहे और पुलिस तथा रेन्जर्स को पीछे हटने के लिये मजबूर कर दिया उससे उनमें जोश ठाठे मार रहा है।
इमरान सेना पर उनकी हत्या करने का अरोप लगा रहे है। पर सेना कह रही है घटना के समय सेना प्रमुख 750 किलो मीटर दूर वजरीबाद में थे। इस घटना से सेना प्रमुख का कोई सम्बन्ध नहीं है पर सेना तो कुछ भी कह सकती है। उसके कथन पर लोगो को विश्वास नहीं है। जनता इमरान के कथन पर विश्वास कर रही है क्योकि सेना के माध्यम से जनता ने कई खडयन्त्र और हत्याये देखी सुनी है। इमरान ने सेना के प्रति कड़ा रूख अख्तियार कर रक्खा है। सेना शंकित है अगर इमरान फिर राजनीति की मुख्य धार में आकर सरकार बनायेगे तो उनके साथ क्या सलूक होगा कुछ तय नहीं है।
पाकिस्तान में आम जनता और बुद्ध जीवियो में सरकार को लेकर आक्रोश है। जनता जिस परेशानी और महंगाई का सामना कर रही है वह अतुलनीय है। जनता इसे सरकार की विफलता मान उनसे नाराज है। सरकार सेना और कोर्ट से मिलकर जनता को दबाने की कोशिश करेगी तो स्थिति और विस्फोटक बन सकती है क्योकि जनता तो यों ही अपने बदत्तर हालात में मरर्णासन्न है। सरकार भी इसे समझ रही है। क्योंकि पिछले दिनो पाकिस्तान में कुछ साहित्यिक समारोह हुये। सभी साहित्यकारों ने सेना और सरकार के इस तरह की हरकतों को लिये कसूवार माना। इतना ही नहीं सभी ने इमरान की अत्याधिक प्रशंसा की पाक सरकार के पास जनता और वुद्धजीवियों का सन्देश तो जा ही रहा होगा। अगर स्थिति पर सरकार का नियन्त्रण होता तो साहित्यकारों की दुर्गति हो गई होती। पर जनता और इमरान की लोकप्रियता से सेना के हाथ बंध गये है।
पाकिस्तानी सरकार पहले से ही असहिष्णु रही है। जब शायर जोश मलीहाबादी जिन्दा थे तो मुशायरे में अपना शेर पढ़ा था बदनाम मुस्लिम करने के एक ही उल्लू काफी था, हर शाख पर उल्लू बैठा है अन्जामें गुल्स्तिां क्या होगा। हुक्मरानों ने जोश मलीहाबादी की बड़ी दुर्गति की। यहां तो हुक्मरान सब समझ रहे है इसलिये कडुआ घूट पी रहे है। अभी हाल में सर्वे हुआ था उसमें तीन चौथाई नौजवानों ने पाकिस्तान छोड़ने की इच्छा बताई थी। पाकिस्तान की स्थिति और बदहाली और भी बदत्तर होती है तो इसमे ंसरकार और इमरान तथा उनकी पार्टी के लिये भी भयानक स्थिति बन जायेगी। इसलिये बेहतर होगा कि सभी समझाबूझा कर देश को बचाने के लिये कदम उठाये जिससे जनता अश्वस्त हो सके।
अब इमरान के लिये खतरा बढ़ गया है। सोच विचार के बाद पुलिस ने इमरान पर आतंकवाद का अरोप लगा एफआईआर दाखिल की है। कोर्ट ने कहा है कानून की निगाह में सब बराबर है 18 तक इमरान को कैद किया जाय। अगर इमरान कोर्ट मेेेेेेेेेे सरेन्डर करते तो हिरासत में लेेले। पाकिस्तान अपने मूल स्वभाव के पर लौट रहा है। इमरान बार बार कह रहे है मुझे मारने की साजिश है। सरकार और कोर्ट पर दोनो तरफ की मजबूरियां है।

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