Sunday, April 28, 2024
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ऑनलाइन मजलिस से घर घर पहुंच रहा पैगामे कर्बला

ऑनलाइन मजलिस से घर घर पहुंच रहा पैगामे कर्बला

अजादारों ने पहनी मन्नत,आग पर मातम व झूले की जियारत स्थगित

कोरोना के खात्मे के लिए हुई दुआ

(शकील रिज़वी )

लखनऊ  पांचवीं मोहर्रम के मौके पर  हुई मजलिस में जहां उलेमा ने फ़ज़ाएल व मसाएब मोहम्मद स व आले मोहम्मद अस बयान किया वहीं पूरी दुनिया में खासकर अपने मुल्क हिन्दुस्तान से कोरोना से खात्मे के लिए दुआ की ऑनलाइन मजालिस होने के कारण हर अज़ादार के घर से आमीन की सदा बलन्द हुई। आज पांच को  अजादारों ने शहर के  इमामबाडों में होने वाली आनलाइन  मजलिसों को सुना। कर्बला के शहीदों पर हुए जुल्मों-सितम की दास्तां सुन अजादारों की आखें आंसुओं से लबरेज हो गयीं। आज उलमा ने मजलिसों में हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के छह माह के मासूम हजरत अली असगर अस  की दर्दनाक शहादत को बयान किया जिसे सुनकर अजादारों ने खूब गिरया किया।ऑनलाइन मजालिस देखने वालों की संख्या बड़ी तेज़ी से बढ़ती जा रही है लोग टी वी , यू ट्यूब  , फेसबुक पर मजलिस सुन रहे हैं आज इमामबाड़ा ग़ुफ़रानमाब में मजलिस को खिताब कर रहे मौलाना कल्बे जवाद की मजलिस सिर्फ हुसैनी चैनल के यू ट्यूब चैनल पर लगभग 9000 व्यूज रहे इमामबाड़ा आगा बाक़र में मौलाना मीसम ज़ैदी खिताब कर रहे हैं यहाँ की मजलिस को मुख्यरूप से ग्राफ एजेंसी टेलीकास्ट कर रहा है यहाँ की मजलिस को सिर्फ यू ट्यूब  पर ही लगभग 5500 व्यूज रहे   अपने देश हिंदुस्तान में हो रही मजलिसों को लोग विदेश भी सुन रहे हैं दुबई से एक ऐसी ही फोटो भी वाइरल हुई । वहीं दूसरे यू ट्यूब चैनल , फेसबुक , आदि पर बड़ी संख्या में लोगों ने ऑनलाइन मजलिस को सूना
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इमामबाड़ा आगा बाकिर चौक में मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना मीसम जैदी ने तहफ़्फ़ुज़े ज़िक्र के उन्वान पर मजलिस को खिताब करते हुए कहा की सारी  पाबंदियां सिर्फ तहफ़्फ़ुज़े ज़िक्र पर हैं इससे पहले भी बानी उमैया और बानी अब्बास के दौर में घरों में मजलिस हुई उन्होने कहा कि ज़िक्र का मुराद क़ुरआने मजीद है अल्लाह ने इसकी कहा हम ही हैं इसको नाज़िल और  इसकी हिफाज़त करने वाले इस आयत में क़ुरआन  हम लफ्ज़ का इस्तेमाल किया इसका मतलब है अल्लाह ने इसके लिए किसी को वसीला बनाया है और हिफाज़त के लिए भी किसी को वसीला बनाया है उन्होने कहा कि  अल्लाह ने कुरान को मासूम के वसीले से उतारा आैर उसकी हिफाजत भी मासूम के हवाले की है। यजीद का हमला हो रहा था कुरान पर हुसैन ने अंसार की कुर्बानी पेश कर दी घर वालों की कुर्बानी पेश कर दी। हुसैन ने भरे घर की कुर्बानी पेश कर दी। यजीद समझा की कुरान की हिफाजत करने वाला चला गया लेकिन हुसैन ने नोके नेजा पर तिलावत करके बता दिया। यह हिफाजते कुरान है जो हुसैन के जरिए हो रही है। अल्लाह कह रहा है कि हुसैन अगर मेरे कुरान की हिफाजत आपकी जिम्मेदरी है तो आपकी अजा की हिफाजत की मेरी जिम्मेदारी है। मौलाना ने जब पढ़ा, एक तीर से जख्मी दो हुए , गर्दने-सगीर बाजू-ए-इमाम जिसे सुन अजादार रोने लगे।

इमामबाड़ा गुफरामाआब  में अशर ए मजालिस की छठी मजलिस    को खिताब करते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद ने  लोगों से ऑनलाइन मजलिस शिरकत की अपील की उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी ऑनलाइन मजलिस इमामबाड़े से लाइव हो ताकि इमामबाड़े सूने न हो हमने मजमे की मांग नहीं की थी अगर ज़रा भी मर्ज़ इसकी वजह से फैलता तो तब्लीगी म=जमात की तरह   हम पर भी इलज़ाम आ जाता   मौलाना ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि जब पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब लोगों के बीच आये तो यह नहीं कहा कि मैं नबी हं  उन्होंने कहा कि हम तुम्हारे बीच दुनिया  और  आखिरत की नेमतें लेकर आया हूं। कौन है जो इस अम्र में मेरी मदद करे। तो हजरत अली अलैहिस्सलाम खड़े हुए आैर कहा कि मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के अलावा को माबूद नहीं है आैर आप अल्लाह के  रसूल हैं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि सबसे पहले जिसने मुसलमानों को कलमा सिखाया उनका नाम अली है। उन्होंने कहा कि गदीर के मैदान में रसूले खुदा ने खाली यह नहीं कहा था कि जिस-जिस का मैं मौला हूं उस-उस के यह अली मौला हैं। रसूल ने यह भी कहा था कि अल्लाह भी मौला है,मैं भी मौला हूं और  यह अली भी मौला हैं।
मादरसा-ए-नाजमिया विक्टोरिया स्ट्रीट में आनलाइन मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना हमीदुल हसन ने कहा कि हजरत रसूले खुदा (स.) ने हजरत अली (अ.स.), जनाबे फातिमा (स.अ.), इमाम हसन (अ.स.) आैर इमाम हुसैन (अ.स.) के लिए फरमाया कि यह हमसे है आैर मैं इनसे हूं। हजरत रसूले खुदा(स.) ने फरमाया कि मेरा दीन, मेरी शरियत और  इस्लाम इनके जरिए से बाकी रहेगा। एलाने रसूल है कि इनके जरिए इस्लाम को समझ लो। मौलाना ने जब मदीना छोड़ने से पहले  हजरत इमाम हुसैन (अ.स.) आैर जनाबे उम्मे सलमा की गुफ्तगू बयान की तो अजादार रोने लगे।
सईदुल मिल्ल्त हाल शिया कॉलेज में मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना अब्बास नासिर सईद अबकाती ने कहा कि  अल्लाह जन किसी को ओहदा देता है तो उसका एलान उससे कराता है जिसकी कोई वैल्यू हो अली अस की विलायत का एलान रसूल स से कराया था हर वह इंसान आने  मुनकिर नज़र आये तो समझ लेना चाहिए कि वह मुनकिर है रसूल ने शहर को फतेह करने के बाद जब शहर में जब दाखिल हो रहे तो हाथ में सफेद परचम लिए जो अम्न की निशानी है  आखिर में मौलाना  ाब्स नासिर सईद ने हज़रत अली असगर की शहादत का ज़िक्र किया तो गिरया की सदा बलन्द हो गयी
 इममाबाड़ा जन्नतमाब तकी साहब चौक में मौलाना सैफ अब्बास ने आनलाइन मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि कि विश्व  स्तरीय इस्लाम को दावत देता हूँ कि वह विलायत को प्राथमिकता दें और उसे समझने की कोषिष करें। क्योंकि जिस का आदेष कुरआन में स्वंय अल्लाह ने दिया हो, और जिसकी विलायत को अपनी और अपने रसूल की विलायत के साथ जोड़कर कहा हो कि अल्लाह और उसका रसूल तुम्हारा वली है और वह वली जो नमाज़ को क़ायम करता है और रुकू की अवस्था में ज़कात (दान) देता है जिसपर दुनिया के तमाम मुसलमानों का यक़ीन है कि अली ने रुकू की हालत में ज़कात दी। इससे दुनिया को यह समझ लेना चाहिये कि जिसकी विलायत के मानने का आदेष कुरआन दे रहा है वह अली हैं। अली की ज़ात ही है वही वास्तव में रसूल के उत्तराधिकारी हैं जिसको मानना हर मुसलमान पर वाजिब और अनिवार्य है अतः विलायत के बिना नजात मुम्किन नहीं है। आखिर में मौलाना ने जनाब औन व मोहम्मद (इमाम हुसैन के भानजे) की दर्द नाक षहादत को बयान किया।

अजादारों ने पहनी मन्नत
हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के बीमार बेटे और शियों के चौथे इमाम हजरत जैनुल आबदीन अलैहिस्सलाम की याद में मंगलवार को अजादारों ने मन्नत पहनी। हजरत इमाम हुसैन (अ.स.) की शहादत के बाद उनके बीमार बेटे इमाम हजरत जैनुल आब्दीन (अ.स.) को कैदी बनाकर कूफे और शाम के बाजारों में घुमाया गया था। इन्हीं की याद में लोग मन्नत पहनते हैं। मगरिब की नमाज के बाद अजाखानों के सामने घर के बूजुर्गो ने हथकड़ी, बेड़ी, चांद, छल्ले, पंजे और अली बंद सहित इलायची दानों पर नज्र दी, फिर अपने मन्नती बच्चों को नज्र चखा कर मन्नत पहनार्इं। महिलाओं और छोटी बच्चियों ने हथकड़ी और अली बंद पहना। बच्चों और पुरूषों ने हथकड़ी और बेड़ी पहनी। इसके अलावा माता-पिता ने अपने मन्नती लड़के और लड़कियों को हरे-काले वस्त्र पहना कर हजरत इमाम हुसैन (अ.स.) का फकीर बनाया।

आग पर मातम व झूले की जियारत स्थगित
अंजुमन-ए-सोगवाराने हुसैन के तत्वावधान में इमामबाड़ा आसिफी हुसैनाबाद में बुधवार छह मोहर्रम को होने वाला आग पर मातम, इमामबाड़ा मलका जहां जामा मस्जिद, तहसीनगंज, हुसैनाबाद आैर कर्बला नसीररूद्दीन हैदर सीतापुर रोड  में होने वाली झूले की जियारत कोरोना वायरस आैर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए स्थगित कर दी है।

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