डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर में बैठकर रील बनाने वाले व्यक्ति पर अब तक नही हुई कार्रवाई

0
114

अवधनामा संवाददाता

कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष के पुत्र द्वारा डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर में बैठकर रील बनाने का मामला

कुशीनगर। डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर में बैठकर अभिषेक उर्फ सोनू खेतान नामक युवक द्वारा रील बनाने के मामले में अब तक न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही हेलीकॉप्टर के इर्द-गिर्द ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया जिनकी मौजूदगी में अभिषेक डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर में बैठकर रील (वीडियो) बनवाता रहा और यह सुरक्षाकर्मी सूरदास बने बैठे रहे। जबकि इस घटना को डिप्टी सीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है। विधि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं में त्वरित कार्रवाई न होने का मतलब भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को बढ़ावा देना है।

बीते माह 14 अप्रैल को भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सोशल मीडिया के योद्धाओं में जोश भरने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पडरौना आए हुए थे। कार्यक्रम के एक दिन पूर्व शनिवार को प्रोटोकाल के अनुसार डिप्टी सीएम के आने और उनकी सुरक्षा व्यवस्था की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर को लैंड करने के लिए पडरौना के सुसवलिया स्थित जयपुरिया स्कूल में हेलीपैड बनाया गया था। यहां से डिप्टी सीएम सड़क मार्ग से कार्यक्रम स्थल पार्थ रिजॉर्ट पहुंचे। इस दरम्यान प्रोटोकाल के मुताबिक डिप्टी सीएम का हेलीकॉप्टर दो लेयर व क्लोज प्रोटेक्शन के सुरक्षा घेरे में होता है जहां सुरक्षाकर्मी मुस्तैद रहते है। इसके बावजूद अभिषेक उर्फ सोनू खेतान सुरक्षा कवच को तोड़कर डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर पर पहुंच गया और हेलीकॉप्टर में बैठकर बकायदे रील (वीडियो) बनवाया। इतना ही नही भौकाल टाइट करने के लिए सोनू ने इस रील को अपने आईडी से सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर दिया। हालाकि जब मीडिया ने इस मामले को संज्ञान मे लिया तो सोनू ने सोशल मीडिया से अपना वह वीडियो डिलीट कर दिया। मीडिया ने डिप्टी सीएम के सुरक्षा में हुई चूक की घटना को प्रमुखता से उठाया बावजूद इसके घटना के एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद न तो इस शख्स पर कोई कार्रवाई की गई और न ही सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले सुरक्षाकर्मियों को आड़े हाथ लिया गया। ऐसे मे यह सवाल उठना लाजमी है कि डिप्टी सीएम के सुरक्षा मे हुई इतनी बडी चूक के बावजूद अब तक किसी पर एक्शन क्यो नही लिया गया? सवाल यह भी उठता है कि आखिरकार किसके दबाव में प्रशासन द्वारा डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर में बैठकर रील बनाने वाले शख्स और डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर तक सोनू को पहुंचाने वाले गैरजिम्मेदार कर्मचारी के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई क्यो नही की गई। क्या यही दुस्साहस कोई आम आदमी करता तो प्रशासन ऐसे ही धृतराष्ट्र बना रहता?

कौन है अभिषेक उर्फ सोनू

गौरतलब है कि अभिषेक उर्फ सोनू खेतान, कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष सुशीला खेतान के पुत्र है। इनके पिता विजय खेतान भी कप्तानगंज नगर पंचायत के अध्यक्ष रह चुके है। अभिषेक एक व्यवसायी है साथ ही साथ जयपुरिया स्कूल के संचालन में अभिषेक की हिस्सेदारी है। इसके अलावा यह कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि के रूप में भी नगर पंचायत का कार्यभार देखते है। ऐसा लोगो का कहना है। इनके उपर दो दशक पूर्व एक व्यवसायी को गोली मारने के आरोप में स्थानीय थाने में धारा 307 के तहत मुकदमा भी दर्ज है जो न्यायालय में विचाराधीन है।

क्या कहते है विधि विशेषज्ञ

इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुरेश बेरी व प्रशांत श्रीवास्तव कहते है कि डिप्टी सीएम अथवा कैबिनेट मंत्री के हेलीकॉप्टर तक कुछ गिने-चुने सूचीबद्ध लोगो (हेलीपैड के पास मौजूद सक्षम अधिकारी के सूची मे दर्ज नाम) को छोड़ अन्य किसी व्यक्तियो को वहा तक पहुंचना निषेध होता है। किसी व्यक्ति को हेलीकॉप्टर पर बैठने की अनुमति अथवा अपनी रजामंदी वह व्यक्ति ही दे सकता है जिनका प्रोटोकाल है। मतलब यह कि डिप्टी सीएम के अनुमति व इच्छा के विरुद्ध कोई भी व्यक्ति उस हेलीकॉप्टर में नही बैठ सकता है। ऐसे मे किसी व्यक्ति द्वारा वह भी जिसके उपर अपराधिक मामला दर्ज है वह व्यक्ति डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर में बैठकर रिल्स और वीडियो बनाता है तो यह सुरक्षा व्यवस्था में बहुत बडी चूक है। इस पर तत्काल वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों व हेलीकॉप्टर में बैठने वाले व्यक्ति के खिलाफ स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस तरह की घटनाओं मे त्वरित कार्रवाई न होने का मतलब भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को बढ़ावा देना है। लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ता के.सी. मिश्रा, पडरौना दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय, कसया न्यायालय के अधिवक्ता ओंकार नाथ पाण्डेय का कहना है कि वीआईपी का एक प्रोटोकाल होता है डिप्टी सीएम का हेलीकॉप्टर लैंडिंग के बाद वह टू लेयर के सुरक्षा में होता है हेलीकॉप्टर में बैठने की बात तो दूर हेलीकॉप्टर के नजदीक जाने की इजाजत किसी को नही मिलती है। अगर कोई व्यक्ति डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर पर बैठकर रील बनाता है तो यह सुरक्षा व्यवस्था मे बहुत बडी चूक है इस तरह की लापरवाही से कोई भी अनहोनी हो सकती है। अब तक इस मामले मे प्रथम दृष्टिया दोषी लोगों पर कार्रवाई न होना अपने आप में एक सवाल है।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here