नई दिल्ली। व्यायाम करने से स्वस्थ जीवनशैली बेहतर बनती है, लेकिन अगर इसे सही ढंग से नहीं किया जाएतो व्यायाम से थकान और मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है। व्यायाम से लाभ प्राप्त करना ज़रूरी है क्योंकि इससे मांसपेशियाँ बनती हैंऔर समय के साथ तंदुरुस्ती बढ़ती है। कभी-कभी (प्रति सप्ताह तीन बार से कम) व्यायामकरने वाले लोगों पर हाल में एक शोध किया गया है। इस नए अध्ययन से पता चला है किनाश्ते के रूप में बादाम (आमंड) खाने से थकान और तनाव का अहसास कम होता है,स्वास्थ्यलाभ के दौरान पैर और पीठ के निचले हिस्से में ताकत बढ़ती है तथास्वास्थ्यलाभ के पहले दिन के दौरान मांसपेशियों की क्षति कम होती है। अपलाचियन स्टेटयूनिवर्सिटी की ह्यूमन परफॉरमेंस लैबोरेटरी के मुख्य अनुसंधानक तथा प्रोफेसर,डेविड सी. नीमैन, डीरआरपीएच, एफएसीएसएम ने आमंड बोर्ड ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया के आर्थिकसहयोग से इस नए अनुसंधान का नेतृत्व किया। डॉ. नीमैन की टीम यह देखना चाहती थी किउच्च कार्बोहाइड्रेट युक्त अनाज के बार स्नैक की तुलना में बादाम के स्नैक 90 मिनटव्यायाम करने वाले वयस्कों में सूजन और स्वास्थ्यलाभ में सुधार करते हैं या नहीं। डॉ. नीमैन नेबताया कि, “हमने जो देखा उससे निश्चित तौर पर जानकारी मिलती है कि लोगों कोव्यायाम से बेहतर स्वास्थ्यलाभ में मदद के लिए स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन स्ट्रेटेजीमें बादाम को शामिल करना चाहिए।बादाम फिटनेस का फूड है। व्यायाम के लिए ऊर्जा के मामले में कार्बोहाइड्रेट्स परसबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है, लेकिन बादाम एक न्यूट्रीशन पैकेज (सम्पूर्ण पोषण)है जिसमें गुणकारी असंतृप्त फैट्स, ऐंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ई, और प्रोएंथोसाइनाइडिन्स(पॉलीफेनोल्स की श्रेणी, जो वनस्पतियों में रक्षात्मक यौगिक होते हैं) शामिल हैं,जिनसे हमारे अध्ययन के लाभकारी नतीजों को समझने में मदद मिलती है।” बादाम की एकखुराक (28 ग्राम) में 13 ग्राम असंतृप्त फैट होता है जबकि संतृप्त फैट केवल 1ग्राम होता है। अध्ययन कीरूपरेखा इस परीक्षण मेंअनुसंधानकों में 64 स्वास्थ्य वयस्कों को शामिल किया गया जिनकी औसत उम्र 46 वर्षथी। इसमें केवल ऐसे सहभागी थे जो प्रति सप्ताह तीन(3) बार से कम व्यायाम करते थे। इस प्रयोग में अक्रमिक, समानांतर समूह रूपरेखा काइस्तेमाल किया गया, जिसमें 4 सप्ताहों तक उपचार सहभागियों (एन = 33) ने रोजाना सुबहऔर अपरान्ह की दो खुराक में 57 ग्राम (2 औंस) बादाम खाया। नियंत्रण सहभागियों (एन= 31) ने दो खुराक में ही समान कैलोरी का अनाज बार (सीरिअल बार) का सेवन किया। सहभागियों ने खून और पेशाबका सैंपल जमा किया और मनोदशा तथा मांसपेशियों में पीड़ा से सम्बंधित प्रश्नों केउत्तर दिए। उनकी लम्बाई, वजन और शारीरिक गठन की माप की गई। उसके बाद अध्ययन मेंलोगों को मसल फंक्शन टेस्ट (व्यायाम) करने को कहा गया। यह पूरा हो जाने पर उनकी 4सप्ताहों की पूरक अवधि आरम्भ हुई, जिसमें उन्होंने या तो बादाम खाया या अनाजबार्स। 4 सप्ताह समाप्त होने पर सहभागियों ने आहार सेवन के रिकॉर्ड्स, खून औरपेशाब के सैंपल जमा किये तथा एक और प्रश्नावली के उत्तर दिए। मसल फंक्शन टेस्टदोबारा किया गया और उसके बाद सहभागियों से 90 मिनट की पारियों में 17 अलग-अलग विलक्षणव्यायाम कराए गए। विलक्षणव्यायाम के उदाहरण में भार को धीरे-धीरे फर्श की ओर नीचे उतारना, बैठते हुए नीचेझुकना, या पुश-अप के दौरान नीचे होना शामिल थे। अध्ययन में शामिल लोगों ने अगले दिन आकर अतिरिक्त शारीरिक तंदुरुस्ती जाँचकरने के लिए पुनः खून और पेशाब के सैंपल और प्रश्नावली के उत्तर दिए।अनुसंधानकर्ताओं ने प्लाज्मा ऑक्सीलिपिन्स में बदलाव का आंकलन किया। ऑक्सीलिपिन्समें बायोऐक्टिव, व्यायाम के बाद सूजन प्रतिक्रिया में सम्मिलित ऑक्सीडाइज्डलिपिड्स, और पेशाब से सम्बंधित गट से उत्पन्न (बड़ी आँत से लिया गया) फेनोलिक्स(वनस्पतियों से लिए गए ऐंटीऑक्सीडेंट्स), प्लाज्मा साइटोकीन्स, मांसपेशियों मेंक्षति के जैव चिन्ह, मनोदशा की अवस्था और व्यायाम क्रिया सम्मिलित हैं।