Wednesday, May 1, 2024
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देश भर के 900 से अधिक छात्रों ने डिजिटल साक्षरता, सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी वर्कशॉप में भाग लिया

 

छात्रों ने साइबर सुरक्षा, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ डिजिटल दुनिया में संभलकर कदम बढ़ाने के तरीकों के बारे में सीखा

लखनऊ। लखनऊ, दिल्ली, पटना, बेंगलुरु, रांची, दरभंगा और नवादा में ऑनलाइन सुरक्षा और यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर सिलसिलेवार तरीके से आयोजित वर्कशॉप ने छात्रों को ‘सेफ्टी से दोस्ती’ करने के लिए प्रेरित किया।

युवाओं द्वारा डिजिटल साक्षरता, ऑनलाइन सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर खास तौर से ध्यान देना बेहद जरूरी है और इसलिए उन्हें जागरूक बनाने के लिए पूरे भारत में सिलसिलेवार तरीके से आयोजित की गयी ये वर्कशॉप एक बहुत बड़ी पहल है.

पिछले एक महीने के दौरान लखनऊ, दिल्ली, पटना, बेंगलुरु, रांची, दरभंगा और नवादा सहित देश के सात प्रमुख शहरों में 900 से अधिक छात्रों को एक ख़ास वर्कशॉप के आयोजन से बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। उपयोगी जानकारी प्रदान करने वाले इन सत्रों में ऑनलाइन सुरक्षा, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग, साइबर ग्रूमिंग, ऑनलाइन खतरे जैसे कई आवश्यक विषयों को भी शामिल किया गया । पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया नामक एनजीओ द्वारा विभिन्न नागरिक समाज संगठनों तथा सरकारी संस्थानों के सहयोग से वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों के क्षमता विकास पर भी चर्चा हुई । इन सत्रों में किशोर यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य (ARSH) के संबंध में उम्र के लिहाज से उपयुक्त जानकारी की अहमियत पर बल दिया गया। ये भी उजागर किया गया कि कैसे किशोर ऑनलाइन माध्यमों को सुरक्षित रह कर प्रयोग में ला सकते हैं.

आज के दौर में डिजिटल साधनों की पहुंच का दायरा लगातार बढ़ रहा है, और ऐसे माहौल में किशोरों के विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन उत्पीड़नों की चपेट में आने की संभावना भी बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 30 देशों में एक-तिहाई से अधिक युवाओं को साइबर बुलिंग का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र ने बच्चों पर नफरत भरे भाषण, हिंसक सामग्री और ग़लत सूचना के प्रभाव तथा ऑनलाइन यौन शोषण के बढ़ते जोखिमों के बारे में भी अपनी चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र के निष्कर्षों के अनुसार, 25 देशों के 80% से अधिक बच्चों पर ऑनलाइन यौन शोषण का खतरा है।

वर्कशॉप की ये पहल की गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI )पर आधारित एक चैटबॉट, SnehAI की मदद से जो फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सएप पर उपलब्ध है । पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा युवाओं को एक सुरक्षित, निजी और निष्पक्ष परामर्श की सुविधा ‘हिंगलिश’ में उपलब्ध कराने के लिए यह चैटबॉट बनाया गया है. यहाँ ऑनलाइन सुरक्षा के साथ-साथ यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य और खुशहाली के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है । छात्रों के साथ-साथ शिक्षक भी इस चैटबॉट के माध्यम से सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार, निजी डेटा की सुरक्षा की अहमियत तथा ऑनलाइन धोखाधड़ी एवं दूसरों को अपना शिकार बनाने वाले लोगों से बचने के तरीकों के बारे में सीख सकते हैं। इन वर्कशॉप में प्रतिभागियों को ऑनलाइन उत्पीड़न करने वालों तथा डराने-धमकाने वालों को पहचानने के बारे में सही राह दिखाई जाती है, साथ ही उन्हें भावनात्मक एवं शारीरिक तंदुरुस्ती को बनाए रखने के बारे में भी सलाह दी जाती है।

इस आयोजन के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए, पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया में टेक्नोलॉजी एंड कम्युनिकेशन के प्रमुख, श्री तेजविंदर सिंह आनंद कहते हैं, “ये वर्कशॉप दर्शाती हैं की ऑनलाइन माध्यमों से होने वाली बातचीत में सहमति का कितना महत्व है। ये समझती है की निजी जानकारी की सुरक्षा क्यों आवश्यक है और धोखेबाजों और दूसरों को अपना शिकार बनाने वालों के साथ जुड़ने के क्या संभावित नतीजे हो सकते हैं । SnehAI चैटबॉट किशोरों को तुरंत सहज महसूस कराता है, क्योंकि यह एक भरोसेमंद दोस्त की तरह उसी भाषा में बातचीत करता है, जिसे वे समझते हैं। इस दौरान छात्रों ने ये भी सीखा की किस तरह अपनी निजी या वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखा जाये , किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से कैसे बचा जाये और संदिग्ध जानकारी पर क्यों भरोसा न किया जाये।

इन वर्कशॉप में डिजिटल साक्षरता, ऑनलाइन सुरक्षा और किशोर स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान इस कारण दिया गया, ताकि अगली पीढ़ी को डिजिटल युग की जटिलताओं से निपटने के लिए तैयार किया जा सके।

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