Friday, April 26, 2024
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उन्नाव कांड : भाई से बोली गैंगरेप पीड़िता- मैं बच तो जाऊंगी न? मैं मरना नहीं चाहती हूं आरोपियों को छोड़ना मत

नई दिल्ली/उन्नाव। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता हालत बेहद गंभीर है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में वह वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है। 90 फीसदी जलने के बाद भी पीड़िता ने जीने की उम्मीद नहीं छोड़ी है और अपने भाई से कहा है कि वह मरना नहीं चाहती है। उसने अपने भाई से भी कहा कि उसके गुनहगारों को छोड़ना नहीं। सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों की टीम उसे बचाने की हरसंभव कोशिश कर रही है।

सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील गुप्ता ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए बताया, ‘पीड़िता को जब लखनऊ से दिल्ली शिफ्ट किया गया तो वह थोड़ा होश में थी और बार-बार एक ही बात कह रही थी, मैं बच तो जाऊंगी न? मैं मरना नहीं चाहती हूं।’ उसने अपने भाई से भी कहा, उसके गुनहगारों को छोड़ना नहीं।

72 घंटे बेहद नाजुक- डॉक्टर गुप्ता
डॉ. गुप्ता ने बताया कि पीड़िता के अंग काम कर रहे हैं, लेकिन वह अभी बेहोशी की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा, ‘हम उसे बचाने की हर कोशिश कर रहे हैं। लेकिन शुरुआत के 72 घंटे बेहद नाजुक होते हैं। अभी वह बेहोश है और हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं।

ये है मामला
बता दें कि उन्नाव की गैंगरेप पीड़िता के साथ दिसंबर, 2018 में गैंगरेप हुआ था। लेकिन मार्च 2019 में इस मामले में केस दर्ज किया गया था, गुरुवार को पीड़िता इसी मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट जा रही थी लेकिन तभी आरोपियों ने बीच रास्ते में ही उसपर हमला कर दिया। पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

कल रात लाया गया दिल्ली
बता दें कि 23 साल की पीड़िता को लखनऊ के सिविल अस्पताल से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में बीती रात शिफ्ट किया गया था। गुरुवार सुबह जब पीड़िता उन्नाव से रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़कर रही थी, तभी 5 लोगों ने उस पर केरोसीन फेंककर आग लगा दी थी। महिला ने इसी साल मार्च महीने में रेप केस दर्ज कराया था, जिसका उन्नाव की एक लोकल कोर्ट में ट्रायल चल रहा था।

“पीड़िता को जब लखनऊ से दिल्ली शिफ्ट किया गया तो वह थोड़ी होश में थी और बार-बार एक ही बात कह रही थी, मैं बच तो जाऊंगी न? मैं मरना नहीं चाहती हूं।”
-डॉ. सुनील गुप्ता

सीएम योगी ने दिए इलाज में मदद के आदेश
पुलिस के अनुसार, पांच आरोपियों की पहचान शुभम, शिवम, हरिशंकर, उमेश और राम किशोर के रूप में हुई है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में संज्ञान लेते हुए पीड़िता के इलाज में मदद और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।

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