Sunday, May 12, 2024
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स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे चल रही है कई फर्जी पैथोलॉजी लैब एवं क्लीनिक

अवधनामा संवाददाता

 

जनता पैथोलॉजी लिंग की पहचान बता रहे हैं

अल्ट्रासाउंड का ₹700 लेते हैं

जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर के नाम से चल रही है धड़ल्ले से फर्जी लैब स्वास्थ्य विभाग का नही है इस और ध्यान

बलरामपुर। जिले के पचपेडवा जुड़ी कुइयां चौराह ब्लड टेस्ट के नाम पर पैथोलॉजी लैब का अवैध व्यापार दिन प्रतिदिन खूब फल फूल रहा है। हर गली-मोहल्ले में कोई न कोई पैथोलॉजी लैब नजर आ जा रही हैं। इन फर्जी लैब संचालकों के पास न तो कोई अनुमति होती है, न ही कोई लैब टेक्नीशियन उपलब्ध हैं। पचपेड़वा जुड़ी कुइयां चौराहा शहर में अनेकों ऐसी पैथोलॉजी लैब चल रही, जो पूरी तरह से अवैध है।

नियमों की बात करें तो लैब संचालन के लिए एमडी पैथोलॉजिस्ट मौजूद होना चाहिए, लेकिन अधिकांश लैब पर पैथोलॉजिस्ट के दस्तावेजों के भरोसे ही काम चल रहा है। यहां तक इन लैब पर टेक्नीशियन तक मौजूद नहीं है। कुछ लैब संचालकों ने प्रशासन को गुमराह करने के लिए इसे कलेक्शन सेंटर का नाम दे दिया है, जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग भी इन पर कार्रवाई करने से बचता रहा है।

कमीशन का बड़ा खेल

मरीज अपना इलाज करवाने डॉक्टर के पास जाता है, तो उसे खून- पेशाब की जांच करवाने के लिए कहा जाता है। छोटी से छोटी जांच में भी 400 से 350 रुपए खर्च हो जाते हैं। टेस्ट के बाद जिस डॉक्टर का पर्चा होता है, उसके पास ली गई फीस अनुसार कमीशन पहुंच जाता है।

कई लैब संचालक महीने में इनका हिसाब करते हैं। बताया जाता है कि ये कमीशन 30 से 40 प्रतिशत तक होता है। यही कारण है कि पिछले 5 सालों में लैब खुलने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं जो डॉक्टर पहले कभी जांच नहीं करवाया करते थे, वे भी अब जांच करवाने लग गए हैं संवाददाता द्वारा बात किया गया
दिलीप उपाध्याय से बात किया गया तो कह रहे हैं जिला पर सीएमओ से पूछिए जो कमीशन लेते हैं हर महीना मुझसे मत पूछिए कोई चीज

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