सीएम ने अफसरों को दिए निर्देश, दस खरब डालर की अर्थव्यवस्था में जरा सी भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं

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सीएम योगी बोले-लखनऊ बनेगा देश का पहला एआई सिटी:कहा-5 साल में एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा यूपी; ग्रीन एनर्जी हब बनाने का प्लान तैयार

लखनऊ। यूपी 5 साल में एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा। सिस्टम में ट्रांसपेरैंसी लाने के लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा यूज किया जाएगा। इतना ही नहीं, लखनऊ देश का पहला ्रढ्ढ सिटी होगा। यह बातें शुक्रवार को समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहीं।
योगी ने अफसरों से कहा कि यूपी की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए तेजी से काम करना होगा। यूपी के पास एमएसएमई का 96 लाख यूनिट्स का बेस है। वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए बड़े स्तर पर योजना बनाने की जरूरत है। प्रदेश को ग्रीन एनर्जी का हब बनाने को प्लान तैयार किया जा रहा है। बड़े महानगरों को अलग-अलग सेक्टर्स के हब के रूप में डेवलप किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि सभी विभाग आय जनरेट करने के लिए अपने संसाधनों का पूरा-पूरा उपयोग करें।
यूपी की क्षमताओं के अनुरूप मुख्यमंत्री ने सेक्टरवार अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति तय की है। उन्होंने इस बड़े लक्ष्य के लिए पांच वर्ष की समयसीमा निर्धारित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश दस खरब डालर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य होगा। शुक्रवार को प्रदेश के आय-व्यय और दस खरब डालर अर्थव्यवस्था से जुड़े विभागों के अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने समीक्षा की और निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण सेक्टरों पर फोकस करें। इनमें कृषि, धार्मिक पर्यटन, विनिर्माण, आईटी और आईटीईएस हैं। इसके अलावा ऊर्जा, स्वास्थ्य, शहरी विकास, शिक्षा, फूड प्रसेसिंग, एमएसएमई आदि सेक्टरों पर भी विशेष फोकस करने की जरूरत पर बल दिया। अफसरों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश के बड़े महानगरों को अलग-अलग सेक्टरों के हब के रूप में विकसित करने की योजना है। इसी क्रम में लखनऊ को देश का पहला आर्टिफिशियल सिटी बनाने की तैयारी है। प्रदेश को ग्रीन एनर्जी का हब बनाने को लेकर भी मुख्यमंत्री ने विचार-विमर्श किया।
सितंबर में ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तर्ज पर ट्रेड शो का आयोजन बड़े स्तर पर होना चाहिए। इसमें शामिल होने वाले कारोबारियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए तैयारियों को मुकम्मल कर लें। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए कि दस खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए कामकाज में पारदर्शिता लाएं। ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का उपयोग करें। किसी भी प्रकार की देरी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
व्यापारियों को ट्रांसपेरेंट व्यवस्था दें
सीएम ने कहा, सभी विभाग आय जनरेट करने के लिए अपने संसाधनों का यूज करें। व्यापारियों को ट्रांसपेरेंट व्यवस्था दें। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में और अधिक सुधार के प्रयास होने चाहिए। व्यवस्था को इतना पारदर्शी बनाएं कि प्रदेश में व्यापार कर रहे किसी भी व्यक्ति के मन मे थोड़ा भी डर न रहे।
वन ट्रिलियन डॉलर अर्थ व्यवस्था बनाना हमारा मिशन
योगी ने कहा, उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थ व्यवस्था बनाना हमारा मिशन है। अधिकारी इसके लिए कोर सेक्टर्स पर फोकस करें। इनमें कृषि, धार्मिक पर्यटन, विनिर्माण और आईटी एंड आईटीईएस हमारे कोर सेक्टर्स हैं। इसके अलावा एनर्जी, हेल्थ, शहरी विकास, शिक्षा, फूड प्रसेसिंग, एमएसएमई सेक्टर्स पर भी हमे विशेष फोकस करने की जरूरत है। यूपी के पोटेंशियल के हिसाब से सेक्टरवार रणनीति तय करते हुए बड़ा लक्ष्य हासिल किया जाएगा। इसके लिए 5 साल की डेडलाइन है।
निर्माण कार्यों का कराया जाए बीमा
योगी ने कहा, जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन की तर्ज पर ही सभी प्रकार के निर्माण कार्यों का रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। इसके लिए टेक्नोलॉजी का यूज करें। शहर और गांवों में होने वाले हर निर्माण कार्य का डाटा हमारे पास होना चाहिए। इस व्यवस्था के साथ रजिस्टर्ड होने वाले निर्माण कार्यों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त करें। तभी, लक्ष्य पूरा होगा। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा, रजिस्टर्ड निर्माण कार्यों के दौरान या बाद में अगर कोई दुर्घटना होती है तो उसके लिए बीमा की व्यवस्था करें। इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रत्येक निर्माण का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। ध्यान रखा जाए कोई भी निर्माण कार्य बंजर और अनुपजाऊ भूमि पर ही होना चाहिए। निर्माण कार्य कृषि योग्य भूमि पर न होने पाए।
जीडीपी का डाटा यूनिवर्सिटी को भेजा जाए
सीएम ने कहा, यूपी पहला ऐसा राज्य है, जहां जिलों की जीडीपी को जारी करने का काम किया गया। कोविड काल में यह काम रुका, लेकिन इसे फिर से शुरू कराया जाए। पूरे जिले के विभिन्न संसाधनों से होने वाले आय-व्यय के डाटा के साथ जिलों के जीडीपी को प्रकाशित कराएं। यह डाटा विभिन्न विश्वविद्यालय को भी स्टडी के लिए भेजा जाए।
प्रदेश को शिक्षा हब के रूप में स्थापित किया जाए
सीएम ने कहा, यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के तर्ज पर ही ट्रेड शो का आयोजन बड़े स्तर पर होना चाहिए। इसमें सम्मिलित होने वाले बायर्स और ट्रेडर्स को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए तैयारियां पूरी कर लें।मुख्यमंत्री ने कहा, यूपी पूरे देश को सबसे अधिक शिक्षक प्रदान करने वाला राज्य रहा है।
उन्होंने कहा कि महामना मदन मोहन मालवीय, बाबा राघवदास, महंत दिग्विजयनाथ जैसे महापुरुषों ने शिक्षा को पवित्र कार्य मानते हुए बड़े बड़े शिक्षण संस्थानों का निर्माण कराया। हमें प्रदेश को शिक्षा के हब के रूप में स्थापित करना होगा।

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