Tuesday, May 7, 2024
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HomeUttar PradeshLalitpurजीवन में अहंकार नहीं सरलता जरूरी: आचार्यश्री

जीवन में अहंकार नहीं सरलता जरूरी: आचार्यश्री

अवधनामा संवाददाता

जैन मंदिरों में पर्यूषण पर्व पर धार्मिक प्रतियोगिताओं को लेकर उत्साह

ललितपुर। दूसरों की बुराई नहीं अपने को देखने में ही धर्म है। जिसको मन को समझने की इच्छा आ गई तो समझो धर्म समझने की बुद्धि आ गई यही मार्दव धर्म है। अपने जीवन को ऐसा बनाए कि कोई दो बाते कहकर हल्का हो जाए। उक्त विचार जैन पाश्र्वनाथ दि0 जैन अटा मंदिर में पर्यूषण पर्व पर मार्दव धर्म का विवेचन करते हुए उच्चारणाचार्य विनम्रसागर महाराज ने व्यक्त किए। आचार्यश्री ने कहा जव कोई तुम्हारे जीवन में आंसू पोछने आ जाए किसी के सहयोग करने का भव आ जाए तो समझ लेना मार्दव धर्म प्रकट हो गया। मुनिश्री ने भारतीय संस्कृति परम्परा का जिक्र करते हुए कहा हमारी परम्परा है हम बडों के चरणों में झुकते हैं तो हमारे यहां वडे पहले ही झुकने वाले को अपना लें और अपनी छाती से लगा लें। मार्दव का अर्थ इतना सरल हो जाओ कि बडे तुम्हें अपना बना लें। इसके पूर्व में धर्म सभा को मुनि शुभ सागर महाराज ने बताया मार्दव धर्म अहंकार दोडकर नम्रता की प्रेरणा देता है जिसको अपनाने में ही जीवन का कल्याण है। धर्मसभा के प्रारम्भ में तत्वार्थसूत्र का वाचन आचार्य संघ के सानिध्य में किया गया। जिसमें अर्घ आर्यिका विमलश्री माताजी ने समर्पित कराए। इसके उपरान्त संगीतमय पूजन किया गया। धर्मसभा का मंगलाचरण एवं आचार्यश्री के पादप्रक्षालन पुण्र्याजक परिवार ने किया। मध्यान्ह में तत्वार्थ सूत्र को आचार्य श्री ने श्रावकों को अपने चिन्तन द्वारा समझाया। आज से प्रारम्भ हुए जैन धर्मालुओं के पयूर्षण पर्व नगर में सुबह जैन मंदिरों में पूजन अर्चन विधान और श्रीजी के अभिषेक शान्तिधारा कर श्रावक पुण्र्याजन कर रहे हैं। नगर के जैन अतिशय क्षेत्र अभिनंदनोदय तीर्थ में मुनि विमन्दन सागर महाराज एवं विश्वमित्र सागर महाराज, आदिनाथ मंदिर गांधीनगर में मुनि विज्ञ सागर महाराज एवं मुनि विश्वधीर सागर महाराज, वाहवुलि नगर में मुनि विदम्बर सागर महाराज एवं मुनि प्रवर सागर महाराज ने मार्दव धर्म को व्यवहारिक रूप से समझाते हुए जीवन में धारण करने के लिए श्रावकों को प्रेरित किया। नगर के सभी जैन मंदिर आदिनाथ बडा मंदिर, चन्द्रप्रभु मंदिर डोढाघाट, शान्तिनगर मदिर गांधीनगर इलाइट जैन मंदिर, सिविल लाइन जैन मंदिर में पहुचकर श्रावकों ने प्रभु की पूजन अर्चन कर धर्मलाभ लिया। सायंकाल जैन अटामंदिर में महिला मण्डल द्वारा एक मिनिट प्रतियोगिता, पाश्र्वनाथ जैन नया मंदिर में पाठशाला परिवार द्वारा अंताक्षरी प्रतियोगिता, पाश्र्वनाथ कालौनी में कलश सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें विजेता प्रतिभागियों को पुरूष्कृत किया गया।

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