कुड़वार कुडियारा गोली कांड,मंगलवार को इलाज के दौरान घायल धर्मेंद्र निषाद की हुई मौत–

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अवधनामा संवाददाता
गोलीकांड के सभी आरोपियों को थाना पुलिस गिरफ्तार कर भेज चुकी है जेल।

कुड़वार,सुलतानपुर।शनिवार को हुए गोलीकाण्ड में घायल युवक की अस्पताल में मौत हो गई। तीसरे दिन एडीएम(प्रशासन) के पहुंचने पर ज्ञापन देने के बाद परिवार अन्तिम संस्कार को राजी हुआ। तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली। शनिवार देर शाम कुडियारा मजरे कोटा गांव निवासी धर्मेन्द्र निषाद (35) पुत्र रामसूरत निषाद व गांव के ही अर्जुन उर्फ छल्लू पुत्र राम लौट के साथ मजदूरी कर घर वापस आ रहे थे,तभी घर से कुछ दूर पहले लाला का पुरवा गांव के पास दोनों को गोली मार दी गयी। धर्मेन्द्र को पेट में गोली लगी व अर्जुन को हाथ में लगी। दोनों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल से ट्रामा सेंटर लखनऊ चिकित्सकों द्वारा रेफर कर दिया गया जहां धर्मेंद्र की मंगलवार शाम मौत हो गई। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव जब घर पहुंचा, तो परिजनों में आक्रोश के साथ कोहराम मच गया। इस बीच भारी पुलिस बल गांव में तैनात रहा। कुड़वार थाना क्षेत्र के कोटा कुडियारा गांव निवासी धर्मेंद्र निषाद की लखनऊ के ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत के मामले में गुरुवार को परिजनों ने मांग पूरी होने तक शव का अन्तिम संस्कार करने से मना कर दिया। परिवार को एस डी एम सदर सी पी पाठक, क्षेत्राधिकारी नगर राघवेन्द्र चतुर्वेदी मृतक के घर पहुंचकर माता,पिता व पत्नी से बात की।लेकिन उपस्थित नेता व परिवार के लोग मृतक के परिवार को तीस लाख व घायल को बीस लाख आर्थिक सहायता की मांग की।साथ ही जान माल की रक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस, सरकारी नौकरी, दबंगों द्वारा कई बार धमकी व हमले के बावजूद पीडित पर ही मुकदमा दर्ज करने की उच्चस्तरीय जांच व दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कडी़ कार्यवाही व सभी आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। परिवार सहित उपस्थित प्रदर्शनकारी जिलाधिकारी के मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे।थाना पुलिस उक्त मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजवा चुकी है।
मृतक के घर पहुंचे नेता–
कुडियारा गांव में मृतक के परिवार को सहायता दिलाने में मौके पर मोस्ट कल्याण संस्थान के श्यामलाल निषाद व किरन निषाद तथा निषाद पार्टी के सुरेश निषाद मौके पर पहुंचकर परिवार के साथ मांग में शामिल हुए। दोपहर बाद एडीएम (प्रशासन) बी. प्रसाद मौके पर पहुंचे। मोस्ट कल्याण संस्थान के पैड पर परिवार के मांगों का ज्ञापन एडीएम प्रशासन को दिया गया। एडीएम के आश्वासन के बाद परिवार तीसरे दिन अन्तिम संस्कार को राजी हो गया। तब पुलिस ने राहत की सांस ली। मृतक पांच भाइयों में दूसरे नंबर का था। मृतक के चार बच्चे हैं। पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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