जॉर्डन के विदेश मंत्री ने इजरायल की तीखी आलोचना की

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मनामा (बहरीन)। जॉर्डन के विदेश मंत्री ने गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध की शनिवार को तीखी आलोचना की और इसे फलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ “घोर आक्रामकता” बताया। उन्होंने कहा, “यह आत्मरक्षा नहीं है। यह एक जबरदस्त आक्रामकता है, जिसके शिकार निर्दोष फलिस्तीनी हैं।”

अयमान सफादी ने अपने मूल्यांकन में इजराइल पर गाजा पट्टी को घेरने और भोजन, दवा और ईंधन, शिपमेंट में कटौती कर के “युद्ध अपराध” करने का आरोप लगाया। उनके मूल्यांकन से यह पता लगता है कि इजराइल और जॉर्डन के बीच संबंध कितने तनावपूर्ण हो गए हैं, जबकि 1994 में दोनों के बीच शांति समझौते पर सहमति बनी थी।

सफादी ने बहरीन में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के मनामा डायलॉग शिखर सम्मेलन में कहा, “हम सभी को इजरायली युद्ध न केवल गाजा पर, बल्कि सामान्य रूप से इस क्षेत्र पर आने वाली तबाही के बारे में जोर से और स्पष्ट रूप से बोलना होगा।” “यह शब्दों को कम करने का समय नहीं है। यह तथ्यों को वैसे ही बताने का समय है जैसे वे हैं।”

उल्लेखनीय है कि इजरायल ने सफादी की टिप्पणियों पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी, जिसमें तत्काल युद्धविराम और लड़ाई को समाप्त करने का आह्वान शामिल था। हालाकि, मध्य पूर्व के लिए व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक ब्रेट मैकगर्क मौजूद थे। उन्होंने कहा कि “बड़ी संख्या में बंधकों की रिहाई से लड़ाई में रुकावट आएगी… और मानवीय राहत में वृद्धि होगी।”

‘इजरायल के लिए 6 अक्टूबर को वापस लौटना संभव नहीं’ : ब्रेट मैकगर्क
मैकगर्क ने कहा, “6 अक्टूबर को वापस लौटना संभव नहीं है। यह इजरायल के लिए सच है। यह फलिस्तीनियों के लिए सच है।” मैकगर्क ने आहे कहा, “कोई भी देश आतंक के खतरों के साथ नहीं रह सकता है। जैसा कि हमने 7 अक्टूबर को उनकी सीमा पर हमास द्वारा फैलाए गए आतंक के खतरों के साथ देखा। साथ ही फलिस्तीनी आवश्यकता के पात्र हैं और उन्हें सुरक्षा और आत्मनिर्णय की आवश्यकता है।”

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