जश्ने आमदे फातहे कर्बला का हुआ आयोजन

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अवधनामा संवाददाता

देर रात तक चली महफ़िल में अंत तक जमे रहे श्रोता

डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। शनिवार शाम क्षेत्र के हल्लौर स्थित चांदनी चौक में क़दीमी जश्ने आमदे फातहे कर्बला का एहतिमाम हसन अब्बास (बाबू) किराना एन्ड ब्रदर्स की जानिब से ज़ाकिरे अहलेबैत जमाल हैदर करबलाई की सदारत में किया गया। जिसमें मुकामी शायरों ने अपने अपने कलाम पेश कर खूब वाहवाही बटोरी। देर रात चली महफ़िल में अंत तक श्रोताओं का जमावड़ा रहा।
महफ़िल की शुरुआत कारी शकील अहमद के तिलावते कलाम पाक से हुआ ततपश्चात पूर्व प्रिंसिपल शकील अहमद ने नात ए पाक पेश करते हुए कहा कि अज़ीज़ों ज़िक्र ए रसूल ए अनाम हो जाए, अदब से मदह ए खास-ओ-आम हो जाए, कुछ इस तरह से करूँ मिदहत ए रसूल ए करीम, सना गुज़ारों में अपना भी नाम हो जाए। ज़ाकिरे अहलेबैत जमाल हैदर करबलाई ने हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की जिंदगी पर विस्तार से रोशनी डाली और हज़रत इमाम हुसैन अस के विलादत पर सभी को मुबारक बाद पेश किया। इसके बाद बकायदा तौर पर महफ़िल शुरू हो गई। महफ़िल का संचालन अफसर हल्लौरी ने किया।
बेताब हल्लौरी ने पढ़ा कि फ़रशे अज़ा से चारों तरफ रोशनी हुई-लेकिन मुनाफिकों की है बत्ती बुझी हुई। जिसे सुन मौजूद लोग वाह वाह कहने लगे। इसके बाद शमशाद हल्लौरी, साबिर, खुर्शीद जफर, फलक,आले रज़ा, अजीम सज्जादी, हानी, मुमताज़, अर्श, अली मेहदी मोजिज, शबीह मास्टर, हसन जमाल, काविश,कौसर, शादाब, खुलूस,अज़ीम बाग़, बशारत, कामियाब मास्टर आदि शायरो ने अपना अपना कलाम पेश कर खूब वाहवाही बटोरी। अंत में महफ़िल आयोजक हसन अहमद बाबू व हसन अब्बास बबलू ने आये हुए लोगो का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर इरफान, रिज़वान, इन्तेज़ार, जमाल हैदर, महफूज़, अरमान, अनवर, काज़िम रज़ा, तसकीन हैदर, नफासत, मुन्नू, रज्जन, संजू, इंतेज़ार हुसैन शबाब, मुन्नू, चुन्नू, अकील हैदर, सलमान सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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