इजरायल के लड़ाकू विमानों ने यमन की राजधानी सना में हवाई हमले किए जिसमें कई स्थानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में कम से कम दो लोग मारे गए और 35 घायल हो गए। राष्ट्रपति भवन के पास पावर प्लांट और फ्यूल स्टोरेज फैसिलिटी भी हमले का निशाना बने। हूती आतंकवादियों द्वारा इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमलों के जवाब में यह कार्रवाई की गई।
इजरायल के लड़ाकू विमानों ने यमन की राजधानी सना में कई स्थानों पर हवाई हमले किए है। ये हमले रविवार को किए गए, जिसमें कम से कम दो लोग मारे गए और 35 अन्य घायल हो गए।
इजरायल ने राष्ट्रपति भवन के पास के इलाके पावर प्लांट और फ्यूल स्टोरेज फैसिलिटी को भी निशाना बनाया। बताया जा रहा है कि हूती आतंकवादी शासन ने हाल दिनों में इजरायल पर लगातार ड्रोन और मिसाइलों से हमला कर रहा था। इसी के जवाब में इजरायल ने हमला किया है।
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
वहीं, शिन्हुआ समाचार एजेंसी के की मानें तो, इस हमले में घायल लोगों को अस्पताल लाने का काम जारी है। जैसे-जैसे घायलों को अस्पताल में लाया जा रहा है, चिकित्सकों ने का मानना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
उधर, यमनी नागरिक सुरक्षा प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि सना के दक्षिण और पश्चिम में हमलों से लगी आग को बुझाने के लिए अग्निशमन दल काम कर रहे हैं।
14 युद्धक विमानों ने हमला
इजरायली रक्षा मंत्री ने एक बयान में बताया कि यमन पर हवाई हमला किया गया है। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि हमले में 14 युद्धक विमानों ने हिस्सा लिया और इलाके में लगभग 40 बम गिराए। इजरायली सेना का कहना है कि इन ठिकानों में राष्ट्रपति भवन, असर और हिज़ाज़ बिजली संयंत्र और एक ईंधन भंडारण सुविधा शामिल है, जिनका इस्तेमाल सैन्य गतिविधियों के लिए किया जा रहा था।
हूती समूह ने लगाया क्रूर आक्रमण का आरोप
इसके साथ ही हूती समूह ने इज़राइल पर नागरिक सुविधाओं के खिलाफ क्रूर आक्रमण का आरोप लगाया और इस जघन्य अपराध के लिए इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों को जिम्मेदार ठहराया।