Saturday, May 4, 2024
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इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने दिया अहम बयान- देश की आर्थिक मुश्किल का हल देश के भीतर उत्पादन में छिपा है

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने कहा है कि जिस तरह हमने दुश्मन को विभिन्न क्षेत्रों में पीछे ढकेल दिया है उसी तरह आर्थिक जंग में भी उसे पीछे ढकेल देंगे।
बीती रात उद्यमियों और आर्थिक क्षेत्र में सक्रिय लोगों ने तेहरान में इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने इस्लामी व्यवस्था में जन कल्याण में विस्तार और राष्ट्रीय संपत्ति तथा विदेश से किसी तरह की अपेक्षा न करने की अहमियत पर बल दिया। इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश में उत्पादन को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था को पाबंदियों के प्रभाव से सुरक्षित रखना ही मूल नीति है |
हम इस मामले में साथ हैं और देश के वास्तविक विकास के मार्ग पर बढ़ने का पूरी तरह समर्थन करते हैं।आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने आंतरिक स्तर पर उत्पादन, आर्थिक ख़ुशहाली और जन कल्याण जैसे मूल्यवान क्षेत्र में उद्यमियों व उत्पादकों की कोशिश को रणक्षेत्र के कमान्डर से उपमा दी और इस क्षेत्र को वास्तविक रणक्षेत्र बताया।

उन्होंने देशों व बड़ी शक्तियों के बीच हमेशा से जारी आर्थिक जंग का उल्लेख किया और कहा कि मौजूदा अमरीकी राष्ट्रपति के शासन काल में यह जंग चीन, उत्तरी कोरिया, योरोप सहित दूसरे क्षेत्रों में फैल गयी है और ईरान के संबंध में यह जंग पाबंदियों के रूप में बहुत ही घिनौनी हो गयी है।

उन्होंने देश के भीतर उत्पादन को मुश्किलों का हल बताया और कहा कि मौजूदा मुश्किलों का सिर्फ़ एक हल है वह यह कि देश के भीतर उत्पादन को पूरी गंभीरता से जारी रखें और इस रास्ते में मौजूद रुकावटों को दूर करने के लिए ज़रूरी क़दम उठाएं कि इस रास्ते पर आगे बढ़ने का सकारात्मक असर पहले की तुलना में साफ़ नज़र आ रहा है।

उन्होंने आंतरिक क्षमता को अपार बताते हुए कहा कि ईश्वर की कृपा से अपनी अद्वितीय क्षमता का इस्तेमाल करते हुए कि जिसके थोड़े भाग को ही अब तक इस्तेमाल किया गया है, पाबंदियों को अवसर में बदल देंगे।

इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने सैन्य तंत्र की प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपार क्षमता को असैन्य क्षेत्र में हस्तांतरण को बहुत ज़रूरी बताते हुए कहा कि कुछ साल पहले एक इस्राईली जनरल ने कहा था कि मैं ईरानियों को पसंद नहीं करता लेकिन सैन्य क्षेत्र में उनकी तरक़्क़ी का सम्मान करता हूं, अलबत्ता उस समय से अब तक हमने उससे भी ज़्यादा अहम उपलब्धियां हासिल की हैं जिसकी एक मिसाल 2 हज़ार किलोमीटर तक मार करने वाले बैलिस्टिक मीज़ाईल हैं जो बिन्दु पर निशाना लगाने में सिर्फ़ कुछ मीटर चूक सकते हैं।

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