Indian Railways Food Facilities रेलवे स्टेशन से लेकर ट्रेनों में यात्री आए दिन इसी तरह ओवरचार्जिंग का शिकार बन रहे हैं। रेलवे ने ट्रेनों में खानपान का लाइसेंस लेने वाली फर्म और स्टालों पर वस्तुओं की बिक्री की दर को तय कर रखा है। इसके बावजूद यात्रियों से अधिक वसूली हो रही है।
लखनऊ: रेल यात्री अमन कुमार ट्रेन 13005 हावड़ा-अमृतसर मेल से शनिवार को पटना से जालंधर कैंट से रवाना हुए। बोगी नंबर बी 4 की सीट नंबर 30 पर यात्रा के दौरान उन्होंने रसोई यान के कर्मचारी से शाकाहारी भोजन की थाली आर्डर की।
खाना खाने के बाद जब पैसा पूछा तो खानपान का ठेका लेने वाली लाइसेंसधारी फर्म के कर्मचारी ने उनसे 180 रुपये मांगे। इस खाने की दर 80 रुपये थी। मांगने पर मैनेजर ने बिल थमा दिया। इसकी शिकायत रेलवे से की तो उसने भी खेल कर दिया। अधिक वसूली की शिकायत को सेवा में कमी की श्रेणी में शिकायत दर्ज करते हुए खेद जताते हुए इसे बंद कर दिया।
यात्रियों से खानपान की दर की अधिक वसूली और इसकी शिकायत पर लीपापोती करने का यह मामला तो उदाहरण है। रेलवे स्टेशन से लेकर ट्रेनों में यात्री आए दिन इसी तरह ओवरचार्जिंग का शिकार बन रहे हैं। रेलवे ने ट्रेनों में खानपान का लाइसेंस लेने वाली फर्म और स्टालों पर वस्तुओं की बिक्री की दर को तय कर रखा है। इसके बावजूद यात्रियों से अधिक वसूली हो रही है।
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल और पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के कंट्रोल रूम में हर महीने स्टालों से ओवरचार्जिंग के पांच दर्जन से अधिक मामले दर्ज हो रहे हैं। ट्रेनों में भी खाना की अधिक दर वसूलने के दो दर्जन से अधिक मामले आ रहे हैं।
सुलतानपुर, रायबरेली सहित कई स्टेशनों पर 15 रुपये की रेलनीर की बोतल यात्रियों का 20 रुपये में बेची जा रही है। वहीं, 30 रुपये की कोल्ड ड्रिंक के 40 रुपये वसूले जा रहे हैं। खानपान की वस्तुओं की अधिक कीमत वसूलने की लगातार शिकायतें मिलने के बाद भी रेलवे मंडल प्रशासन और आइआरसीटीसी इस पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं।
हावड़ा-अमृतसर मेल में आयी शिकायत पर आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि ट्रेन में खाना की दर उसमें शामिल व्यंजन के आधार पर अलग-अलग होती है। हालांकि इस ट्रेन की ओवरचार्जिंग की शिकायत की जांच पूर्वी परिक्षेत्र कर रहा है।