रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए कांग्रेस को घेरा। उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद से पीड़ित देश मानने और मुंबई हमले के बाद कार्रवाई न करने को बड़ी भूल बताया। राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं जिसमें सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक शामिल हैं।
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग तो विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए की थी लेकिन स्थिति बदल गई। लोकसभा में पहले दिन चर्चा की शुरूआत करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया।
पहलगाम को लेकर शोर कर रहे विपक्ष से उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के समय 2006 में पाकिस्तान को आतंकवाद से पीड़ित देश स्वीकार करने और 2009 में समग्र वार्ता से आतंकवाद को अलग करने को भारी भूल करार दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि मनमोहन सिंह सरकार ने 2008 में मुंबई हमले के बाद कार्रवाई की होती तो, पाकिस्तान आतंकी हमले करने की हिम्मत ही नहीं करता।
विपक्ष की मंशा पर उठाए सवाल
विपक्ष की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि भारत के कितने विमान गिरे? जो सवाल पाकिस्तानी टीवी चैनल्स और सदन में गूंज रहे थे, वो कांग्रेस भारत के संसद में पूछने लगी है। लेकिन कोई यह नहीं पूछ रहा कि भारत ने दुश्मन के कितने विमान गिराए।
वहीं एक मौका ऐसा भी आया जब राजनाथ ने ऑपरेशन की सफलता पर मेज थपथपाने का आग्रह किया। सपा मुखिया अखिलेश यादव समेत कई सदस्यों ने मेज थपथपाई भी लेकिन राहुल गांधी समेत कांग्रेस के सदस्यों ने इसे अनसुना कर दिया।
अपने लगभग एक घंटे के भाषण में राजनाथ ने कहा कि ये मोदी जी का नया भारत है और आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। उनके अनुसार शांति बहाली की तमाम कोशिशों के बावजूद जब पाकिस्तान ने आतंकवाद का रास्ता नहीं छोड़ा तब मोदी सरकार ने शांति स्थापित करने के लिए अलग रास्ता अपनाया, जिसमें 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2025 के ऑपरेशन सिंदूर शामिल है।
2006 की यूपीए सरकार पर साधा निशाना
आतंकवाद के छद्म युद्ध के सहारे भारत को नुकसान पहुंचाने की पाकिस्तान की रणनीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को ‘1,000 कट्स’ देने का सपना पालने वालों को नींद से जगा दिया है।
मोदी सरकार ‘बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते’ की स्पष्ट नीति की तुलना कांग्रेस की संप्रग सरकार से करते हुए राजनाथ सिंह ने बताया कि किस तरह से 2006 में मनमोहन सिंह सरकार ने आतंकवाद के प्रयोजक पाकिस्तान को आतंकवाद का पीड़ित मान लिया था। यही नहीं, 2008 में मुंबई हमले के बाद सेना को कार्रवाई करने की इजाजत नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि इसके एक साल भीतर ही 2009 में शर्म-अल-शेख (समझौते) में कंपोजिट डायलॉग प्रोसेस से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को अलग किये जाने को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को पूरी तरह से सफल और सेना द्वारा सारे लक्ष्य पूरा करने का दावा करते हुए साफ किया कि हमले के बाद पाकिस्तान ने हार मानी और इसे स्थगित सिर्फ पाकिस्तान के डीजीएमओ के कहने पर किया गया है और वह भी इस शर्त पर कि आगे वह कभी आतंकी हमले की गलती नहीं करेगा।
‘ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है’
उन्होंने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है और आतंकी हमले की स्थिति में पाकिस्तान को फिर उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा। उन्होंने विपक्ष को सिर्फ भारतीय विमानों के गिरने के बारे में सवाल उठाने पर भी आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को यह भी पूछना चाहिए कि पाकिस्तान के कितने जहाज गिरे और कितने ठिकानों को ध्वस्त किया गया। राजनाथ सिंह ने विपक्ष को छोटी सोच से बाहर निकलकर ऑपरेशन सिंदूर को समग्रता में देखने को कहा कि छिटपुट नुकसान को नहीं देखते हुए बड़े लक्ष्य को हासिल करने में मिली सफलता और विफलता पर चर्चा होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि 1962 और 1971 में विपक्ष में रहते हुए उस समय जनसंघ ने कभी लड़ाई में विमानों, टैंकों और अन्य सैन्य साजोसामान के नुकसान के बारे में सवाल नहीं पूछा था।