अवधनामा संवाददाता
जिला चिकित्सालय मे चारो ओर गंदगी का अंबार
सीएमएस नही सम्हाल पा रहे है जिम्मेदारी
बाँदा। अस्पताल मे मरीज अपना उपचार करा कर स्वस्थ होने की कामना लेकर आता है परंतु जनपद मुख्यालय मे पुरूष चिकित्सालय मे फैली गंदगी आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि हमने यहां आकर गलती तो नही कर दी है ।
जी हां जिला चिकित्सालय मे मुख्य चिकित्साअधीक्षक की लापरवाहियां दिनों दिन बढती जा रही हैं , पूर्व मे कई बार चिकित्सकों द्वारा बाहर से दवाइयां मंगाने पर कार्यवाही की मांग मरीजो द्वारा की गयी परंतु सीएमएस महोदय द्वारा सिर्फ और सिर्फ अपना हित साधने के चक्कर मे किसी डाक्टर पर बाहर से दवायें मंगाने पर कडी कार्यवाही नही की गयी , कई बार मरीजों ने जब सीएमएस से शिकायत की तो उन्होने पहले तो मरीज को समझाया कि बाहरी दवाये क्यो खरीदनी चाहिये परंतु जब मरीज ने सरकार की नीतियो का हवाला दिया तब उन्होने डाक्टर से कहा कि इसको दूसरी दवाई लिख दें ।
कुछ ऐसा ही स्वच्छ भारत अभियान के दावे की धज्जियां उडाने मे भी सीएमएस की लापरवाही सामने आरही है कि जिला चिकित्सालय का पूरा कूडा किचिन के आसपास पडा रहता है जिससे मरीजों को गुणवत्ता युक्त भोजन की जगह कीटाणु और वायरस जनित भोजन दिया जाता है , वार्डो मे गंदगी तो आम बात है , यहां पर कुत्ते और जानवर घूमना आप अक्सर देख सकते हैं परंतु स्वास्थ कर्मी मस्त बैठकर गप्पे मारते देखे जा सकते हैं , ऐसा नही है कि सफाई कर्मी सफाई नही करते है परंतु सिर्फ एकबार और यदि किसी अधिकारी के निरीक्षण की खबर होगी तो दो बार सफाई करके इतिश्री कर लेते हैं । बारिश मे फिनाइल जैसे गायब ही रहती है बस नाम करने को छिडकाव किया जाता है ।चारो ओर गंदगी का अंबार लगा है परंतु मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महोदय अपने आप मे मस्त हैं , जब अवधनामा संवाददाता ने उनसे गंदगी के बारे मे जानकारी की तो उन्होने बताया कि हमारा तो रिटायरमेंट है जनवरी मे अब जब कोई नया आयेगा तो उससे कहियेगा , वहीं जब उनसे सफाई कर्मियों और कचरे के ढेर के बारे मे पूछा तो उन्होने बताया कि हमारी कोई सुनता ही नही है चलिये मै दिखवाता हूं कहकर मुद्दे से पल्ला ही झाड लिया ।