Thursday, May 9, 2024
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क्या लोग अब फलस्तीन के पक्ष में खड़े होने लगे? अब युद्ध का टर्निंग प्वाइंट बदला

यरुशलम। इस्राइल और हमास के बीच में चल रहे युद्ध के दौरान गाजा के अल अहली अस्पताल पर हुआ हमला अब इस युद्ध का बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है। दरअसल इस हमले के बाद जिस तरीके की विश्व व्यापी सरगर्मियां और बयान बाजियां आनी शुरू हुई है उससे विशेषज्ञों को कुछ इस तरह का अंदाजा हो रहा है। दरअसल, इस हमले के बाद ही अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन और अरब देशों के नेताओं के बीच होने वाला महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन न सिर्फ रद्द किया गया है बल्कि मुस्लिम देशों की ओर से इस पर कड़ी प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अस्पताल पर हुए हमले से अब फलस्तीन मुस्लिम देशों को अपने पक्ष में खड़े रहने अपील कर पक्ष में खड़ा करने लगा है।

गाजा पट्टी के अल अहली अरब अस्पताल में हुए विस्फोट और उसमें तकरीबन 500 लोगों की जान जाने के बाद माहौल गर्म हो गया है। इस अस्पताल पर हुए हमले के बाद फलस्तीन ने जहां इस्राइल पर अस्पताल में बेकसूर लोगों को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। वहीं इस्राइल ने हमास के आतंकियों की ओर से मिसगाइडेड मिसाइल चलाकर अपने ही अस्पताल में निर्दोष लोगों को मारने का आरोप लगाया है।

रक्षा मामलों के कमांडर अनिल चतुर्वेदी कहते हैं कि गाजा पट्टी के अस्पताल पर हुए हमले से फलस्तीन के पास सभी मुस्लिम देशों को अपने पक्ष में खड़ा करने का बड़ा मौका मिल गया है। वह कहते हैं कि फलस्तीन मुस्लिम देशों से अपने पक्ष में खड़े रहने की अपील लगातार कर रहा है, लेकिन विश्व व्यापी परिदृश्य में बहुत से मुस्लिम देश खुलकर इस्राइल का विरोध नहीं कर पा रहे थे। ये देश इस्राइल को मिल रही अमेरिकी और अन्य यूरोपीय देशों की मदद का भी विरोध नहीं कर पा रहे थे।

कमांडर चतुर्वेदी कहते हैं लेकिन अस्पताल पर हुए विस्फोट और वहां गई जाने अब इस युद्ध का बड़ा टर्निंग पॉइंट हो सकती हैं। क्योंकि फलस्तीन ने इसी अस्पताल पर हुए हमले को आधार बनाकर उन सभी मुस्लिम देशों से अपने साथ खुलकर खड़े होने और इस्राइल समेत अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों की मदद का विरोध करने की मार्मिक अपील की है। रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि यह अपील अब फलस्तीन की काम भी करने लगी है। भारतीय विदेश सेवा से जुड़े रहे पूर्व राजनयिक आलोक सिन्हा कहते हैं कि जिस तरीके से बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन के साथ अरब देशों की होने वाली शिखर बैठक को रद्द किया गया है वह बहुत हद तक सब बातों को स्पष्ट कर देता है। उनका कहना है कि जिस तरह से जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने घोषणा की कि बुधवार को अम्मान में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ होने वाली शिखर बैठक रद्द करने की घोषणा की गई है वह मुस्लिम देशों को अब एकजुटता और फिलिस्तीन के पक्ष में खड़े होने के लिए माहौल भी बना रही है।

रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि अब अस्पताल पर हुए हमले को लेकर जिस तरह फलस्तीन और इस्राइल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं उस सच्चाई का भले ही देर में पता चले लेकिन फलस्तीन को अस्पताल पर हुए हमले और वहां हुई मौतों के आधार पर एक बड़ा मानवीय आधार तो मिल ही गया है। जानकारी के मुताबिक और मुस्लिम देशों के प्रतिनिधि अगले कुछ दिनों में फलस्तीन के अस्पताल पर हुए हमले के संबंध में अब के एक बड़े देश में मुलाकात कर इस पूरी स्थिति पर अपना स्टैंड क्लियर करने वाले हैं। विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि बीते 12 दिनों से चल रहे हैं इस युद्ध में कई मुस्लिम देश खुलकर फिलिस्तीन का समर्थन नहीं कर पा रहे थे। लेकिन इस हमले के बाद सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन और तुर्की ने भी इस्राइल पर गाजा शहर में अल-अहली अरब अस्पताल पर बमबारी करने का आरोप लगाया है। जानकारों का कहना है इन आरोपों के साथ अब फिलिस्तीन का भी पक्ष विश्वव्यापी परिपेक्ष में न सिर्फ बड़ा होता जा रहा है बल्कि उसको मुस्लिम देशों का खुलकर समर्थन मिलने का अनुमान भी लगाया जा रहा है।

विदेशी मामलों के जानकार आलोक सिन्हा कहते हैं कि अस्पताल पर हुई बमबारी और वहां हुई मौत के बाद इजरायल ने भी अपने हमले से इनकार किया है। वह कहते हैं कि इस इंकार और इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट के बाद उसको डिलीट किए जाने से भी विश्व व्यापी सरगर्मियां बढ़ गई है। रक्षा मामलों के जानकारो का मानना है कि जिस तरीके से इजरायल गाजा पट्टी में हमास के आतंकी और उनके ठिकानों को निशाना बना रहा है उसमें अस्पताल पर हुई बमबारी और गई जानो के बाद यह कहना कि यह हमला इस्राइल नहीं किया था मुस्लिम देशों को नहीं पच रहा है। हालांकि रक्षा मामलों के विशेषज्ञ भी मानते हैं कि जिस तरीके के हमले हमास कर रहा है उसमें उनकी कई मिसाइल न सिर्फ मिसगाइडेड होकर उनके ही अपने लोगों पर बरस गई बल्कि कई लोगों के हताहत होने की भी जानकारियां सामने आ चुकी हैं।

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