मनरेगा योजना में सरकारी धन बंदरबाट, वास्तविक मजदूरों के हक पर डांका

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अवधनामा संवाददाता

रोजगार सेवक व मेठ लगा रहें फर्जी हाजिरी

नौरंगिया विकास खंड के रामपुर भाठ गांव का मामला

 

कुशीनगर। मनरेगा योजना केन्द्र सरकार की महात्वाकांक्षी योजना है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार लोगों को गांव में ही रोजगार की गारंटी देकर उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके लेकिन यह योजना ज़िम्मेदारों के चलते भ्रष्टाचार के भेंट चढ़कर रह गई हैं जिसके चलते जो वास्तविक मजदूर हैं उनको काम मिलना मुश्किल हो गया है।

रोजगार सेवक द्वारा मनरेगा पोर्टल पर मस्टररोल में फर्जी हाजिर लगाया जा रहा है। एक ही फोटो को सभी मस्टररोल पर एक ही फोटो अपलोड के किया जा रहा है। जिन मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगाईं जा रही वह मजदूर साइड पर नहीं रहते दुसरे लोगो का खड़ा कर फोटो खींच अपलोड कर दिया जा रहा। इस तरह मनरेगा मजदूरों के हक पर डाका डाल जिम्मेदारों द्वारा मनरेगा मजदूरों को दर दर भटकने पर मजबुर किया जा रहा है। मामला जनपद के नेबुआ नौरंगिया विकास खण्ड के ग्राम पंचायत रामपुर भाठ का हैं। जहां एक साइड पर तीन सेट में मस्टररोल जारी है। 30 मजदूरों की हाजिरी मस्टररोल में लगी हुई हैं लेकिन मौके पर 8 मजदूर काम करते मिले। इससे साफ तौर से स्पष्ट होता है कि किस तरह मनरेगा योजना में जमीनी धरातल पर भ्रष्टाचार हो रहा है। रोजगार सेवक व पंचायत सचिव द्वारा फर्जी हाजिरी लगाकर सरकारी धन की लूट की जा रही है। अधिकारियों की मिलीभगत से मनरेगा योजना अपने उद्देश्य से भटकती नजर आ रही है। एक तरफ सरकार जीरो टालरेंस की बात कर रही और यहां सरकारी पैसे का जमकर बंदरबांट हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि रोजगार सेवक द्वारा मनरेगा मजदूर जो कभी काम पर नहीं आते उनकी हाजिरी लगाकर उनके खाते में पैसा भेज कर, पैसा निकलवा कर ले लिया जाता है। वास्तविक जो मजदूर हैं वह काम की तलाश में दर-दर भटकने पर मजबूर रहते हैं और उनके खाने के भी लाले पड़े रहते हैं। इस तरह मनरेगा योजना में मनरेगा मजदूरों के हक पर डाका डाल, जिम्मेदार मलाई काट रहे है। अब देखना यह है कि इस पूरे मामले की जांच कर क्या कार्रवाई होती है या योजना इसी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर दम तोड़ती रहेगी।

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