ईद-उल-अजहा त्योहार को लेकर डेढ गुना कीमत पर बिके बकरे

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पशु बाजार में जुटी बकरा बेचने व खरीदने वालों की भारी भीड़

महोबा।ईद.उल.अजहा ;बकरीदद्ध का त्योहार अनकरीब होने के कारण शहर में शुक्रवार को लगने वाले पशु बाजार में बकरे बेंचने वालों के साथ खरीदने वालों का सैलाब उमड़ पड़ा। बकरों की खरीद का सिलसिल सुबह से शाम तक चलता रहा। लोगों ने भीषण गर्मी और धूप की परवाह किए बगैर बकरों को जांचा परखा और ईद उल अजहा में होने वाली कुर्बानी के लिए बकरों की खरीददारी की, वहीं त्योहार को देखते हुए बकरों की कीमतो में इजाफा कर दिया। ज्यादातर लोगों को मनपसंद बकरा न मिलने से त्योहार से पहले आने वाले आखिरी शुक्रवार को एक बार फिर पशु बाजार आकर बकरों की भीड़ भाड़ से गुलजार रहेगा।

7 जून को पड़ने वाले ईद.उल.अजहा त्योहार को लेकर लोगों में अभी से कुर्बानी कराने के लिए बकरों का इंतजाम करना शुरू कर दिया है। बकरा खरीददरों की भीड़ को देखते हुए पशु मालिकों ने बकरों की कीमत बढ़ा दी, जिससे शुक्रवार को पशु बाजार में बीस से चालीस हजार रुपये कीमत के बकरे बिके। बकरा खरीदने के लिए जहां लोग सुबह से ही पशु बाजार में पहुंच गए वहीं जिले के अलावा मध्यप्रदेश के जिले की सीमा से सटे जनपद छतरपुर के ग्रामीण अंचलों से भी लोग ट्रक, पिकअप अन्य वाहनों से महोबा के पशु बाजार पहुंचे। बकरो की आमद अधिक बढ़ जाने के कारण पशु बाजार का भारी भरकम मैदान पशुओं से खचाखच भरा रहा।

गौरतलब है कि बकरीद त्योहार पर अब अस्सी फीसदी से ज्यादा लोग कुर्बानी कराने लगे हैं, जिससे पशुपालक भी बकरों को बेचने के लिए एक एक साल तक खिलाते पिलाते रहते है। बकरीद पर्व पर बकरों की अच्छी कीमत मिलती है। शहर में पशु बाजार के दिन अधिक महंगे होने के कारण तमाम लोग गांव गांव में जाकर बकरों की तलाश करते रहते हैं। अब लोगों को बकरे की कुर्बानी कराने के प्रति उत्साह बढ़ा है।

मांग बढने से पशु पालकांे की बल्ले बल्ले

बकरीद त्योहार पर बकरो की अधिक मांग बढ़ जाने के कारण इनकी कीमत भी डेढ़ गुना से अधिक बढ़ जाती है, जिसके चलते तमाम पशु पालक एक साल तक बकरीद पर्व आने का इंतजार करते हैं, जिससे उन्हें अपने घरों में पाले गए बकरो की अच्छी कीमत मिल सके। पशु पालक अच्छी कीमत पाने के लिए बकरों का पालन पोषण करने के साथ साथ उन्हें जंगलों में चराने के भी ले जाते हैं, साथ ही समय समय पर पानी पिलाने का भी काम करते हैं, जिससे बकरों की सेहत अच्छी बनी रहे। पशु पालक का मानना है कि जो कीमत बकरीद के मौके पर मिलती है अन्य महीनों में उतनी कीमत के दो बकरे बिकते हैं।

ग्रामीण अंचलों से बकरे लेकर पहुंचे ग्रामीण

इस दफा बकरीद त्योहार के मौके पर बकरो की संख्या अधिक बढ़ जाने के कारण तमाम ग्रामीण अंचलों से बकरा लेकर आए पशु पालकों को मजबूरन शहर के तहसील पीडब्ल्यूडी मार्ग पर बकरों को खड़ा कर बेचना पड़़ा। पशु बाजार के बाहर मुख्य सड़क पर खरीददारों की भीड़ जुट गईए जिसके चलते शहर के मुख्य मार्ग पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। तीन पहिया, चार पहिया वाहन चालको के अलावा दो पहिया वाहन चालको इस मार्ग से निकलने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। सड़क पर जाम की स्थिति को देखत हुए लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिस पर पुलिस कर्मियों ने पशु पालकों को सड़क के एक तरफ कराया, जिससे आवागमन हो सके।

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