हत्या की नीयत से प्रोपर्टी डीलर पर फायरिंग

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अवधनामा संवाददाता

पांच राउण्ड गोलियां चलाने का आरोप

स्कॉर्पियो का शीशा व टायर में गोली लगने की चर्चातीन नामजद समेत छह पर मामला दर्ज

ललितपुर। सोमवार की देर रात प्रोपर्टी डीलर पर घात लगाये बैठे आधा दर्जन लोगों ने जान से मारने की नीयत से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। घटना को अंजाम देकर हमलावर भाग निकले। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी। हमलावरों के खिलाफ प्रोपर्टी डीलर की शिकायत पर पुलिस ने तीन नामजद के अलावा छह लोगों पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

मसौराखुर्द निवासी अखिलेश कुमार पुत्र सुखदेवप्रसाद चौबे ने कोतवाली पुलिस को दिये शिकायती पत्र में बताया कि वह मोहल्ला आजादपुरा स्थित अपना कार्यालय बंद करके निज निवास मसौराखुर्द जा रहा था। बताया कि जैसे ही वह अपनी स्कॉर्पियो संख्या यूपी 15 ए.एक्स. 0777 से अपने चालक सिविल लाइन घुसयाना निवासी रासिद खां के साथ मसौराकलां के लिए हाई-वे से नीचे उतरे पुल के नीचे पहुंचा ही था, कि वहां पहले से घात लगाये बैठे नेहरू नगर निवासी अजय पाल सिंह उर्फ गुडडू यादव पुत्र रूकुम सिंह, के.पी.यादव (चालक) व मसौराकलां निवासी भूपेन्द्र रजक पुत्र अशोक ने अपने तीन अज्ञात साथियों के साथ एकराय होकर जान से मारने की नीयत से उस पर तमंचे से फायर करना शुरू कर दिया। इस हमले में उसका चालक रासिद बाल-बाल बच गया। बताया कि एक गोली उसकी स्कॉर्पियो के अगले कांच को तोड़ती हुयी निकल गयी। जबकि दूसरी गोली उसकी गाड़ी के टायर में जा लगी, जिससे उसका टायर फट गया। पीडि़त अखिलेश कुमार के अनुसार उसे जान से मारने के लिए हमलावरों ने पांच राउण्ड फायर किया गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुये अजय पाल सिंह उर्फ गुडडू यादव, के.पी.यादव व भूपेन्द्र रजक के खिलाफ धारा 147, 148, 307 व 427 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

पत्नी की आत्महत्या मामले में नामजद हैं गुडडू व भूपेन्द्र

जानलेवा हमले से बाल-बाल बचे अखिलेश कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी रश्मि चौबे ने बीते वर्ष 2019 के जून माह की 26 तारीख को आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में उसने स्वयं अजय पाल सिंह उर्फ गुडडू यादव व भूपेन्द्र रजक के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज कराया था, जो कि न्यायालय में विचाराधीन है। अखिलेश कुमार ने बताया कि हो सकता है कि यह हमला उक्त लोगों ने साक्ष्य मिटाने या फिर राजीनामा के लिए दबाव बनाने के लिए किया हो।

 

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