डॉ. कृति राष्ट्रीय होम्योपैथिक सेवा रत्न पुरस्कार से हुई पुरस्कृत

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अवधनामा संवाददाता

 

सोनभद्र/ब्यूरो। अगर हौसल बुलंद हो तो सफलता कदम चूमेंगी। यह चंद लाइने भारत के बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ चार राज्यों से घिरे हुए आदिवासी बाहुल्य एकमात्र जनपद सोनभद्र के मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज की डॉक्टर कृति श्रीवास्तव पर सटीक बैठती है।
सोनभद्र के हेनीमैन के नाम से विख्यात जयप्रभा होम्यो सदन के संस्थापक, सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर जयराम लाल श्रीवास्तव के परिवार में जन्मी, सुप्रसिद्ध समाजसेवी, होम्योपैथ चिकित्सक डॉक्टर कुसुमाकर श्रीवास्तव की पुत्री है।
ग्रेटर नोएडा में अखिल भारतीय चिकित्सा संगठन एवं अन्य संगठनों के सहयोग से वैक्सीन होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के सीएमडी डॉक्टर एसपीएस बक्शी द्वारा भव्य समारोह में राष्ट्रीय होम्योपैथिक सेवा रत्न पुरस्कार 2024 से डॉक्टर कृति श्रीवास्तव को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सम्मान/संगोष्ठी समारोह मे अपना विचार व्यक्त करते हुए डॉक्टर कृति श्रीवास्तव ने कहा कि-“सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता और प्रत्येक व्यक्ति के सफलता के पीछे कठिन परिश्रम मेहनत उत्तरदायी होता है। होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली वर्तमान समय में एक सशक्त चिकित्सा पद्धति के रूप में उभर कर पूरे विश्व के सामने आई है। कोरोना संक्रमण काल में यह चिकित्सा पद्धति मानव जीवन की रक्षक साबित हुई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ एसपी एस बख्शी ने होम्योपैथिक चिकित्सकों को एलर्जी कॉन्सेप्ट पर संबोधित करते हुए कहा कि-यह रोग वंशानुगत होता है और स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए 2026 तक घर-घर में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पहुंचेगी और घर में रखने वाली ओटीएस की तैयारी व्यापक पैमाने पर की जा रही है।
संगोष्ठी में डॉ विश्वरूप चौधरी, डॉक्टर ऋषिपाल, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमिताभ सिन्हा आदि चिकित्सकों द्वारा होम्योपैथी के महत्व, गुणवत्ता और आधुनिक समय में इस चिकित्सा पद्धति की आवश्यकता पर विशेष बल दिया गया
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सहित बंगाल, बिहार, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों के चिकित्सकों को राष्ट्रीय होम्योपैथी सेवा रत्न पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया।

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