साहसी फोगाट मरी या मारी गयी

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एस.एन.वर्मा

सोनाली फोगाट यद्यपि हरियाना में चुनाव हार गयी थी पर वहां की चर्चित भाजपा नेता थी। राजनीति के गलियारे हार गयी थी पर वहां की चर्चित भाजपा नेता थी। राजनीति के गलियारे में अच्छी पैठ जिससे बहुत लोक प्रिय थी। इसके अलावा टिकटाक की मशहूर स्टार थी। सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय थी। एक अफसर ने आपत्तिजनक हरकात की और अपमानजनक बाते कही तो निडर सोनाली फोगाट ने सरे आम उसकी पिटाई कर दी। मतलब लोकप्रिय थी, स्टार थी, सोशल मीडिया की पसन्द थी, साथ ही साहसी भी थी। गोवा में उनकी रहस्यमय मृत्यु हो गई जिसे हत्या भी माना जा रहा है। मृत्यु के तुरन्त बाद परिवारजनों ने सीबीआई जांच की मांग की और इसे स्वाभाविक मृत्यु नहीं हत्या कहा।
सोनाली को ड्रग पिलाने का वीडियो वायरल होने के पहले तक पुलिस उनकी मृत्यु की वजह दिल का दौरा बताती रही। उनके परिवारवालों की यह भी शिकायत है कि पोस्टमार्टम होने के पहले तक गोवा प्रशासन और सरकार ने कोई मदद नही की। अब तो यह बतया जा रहा है कि उनका पीए उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। ब्लैकमेल करने की वजह बताया जा रहा है पीए उनकी सम्पत्ति पर निगाह जमाये हुये थे। इस क्रम में सुनियोजित ढंग से सोनाली को उसके परिवार से तल्खी पैदा कराकर अलग कराता जा रहा था।
आजकल यह टेªन्ड बहुत पापुलर हो रहा है कि पुरूष औरतो को अपने रूपजाल, अपने बातो में फंसाकर हर प्रकार से उनका शोषण करते है। गहने लूटते है, सम्पत्ति लूटते, नकदी लूटते है, शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण भी करते है। मतलब हल हो जाने पर मारपीट कर अलग करते हैं या रहस्यमय तरीके से गायब हो जाते है। तो सोनली के बारे उनके पीए को लेकर जो आशंकांये की जा रही है तो उसे लेकर पीए द्वारा उसकी हत्या सत्य भी हो सकती है। अब यह तो पुलिस का काम है कि वह सच्चाई का पता लगाये। पर जोरो सामने आ रहे है उनसे निष्कर्ष निकलता है पीए रसूरवादार आमदी है उसकी पहुंच पुलिस सत्ता और सरकार में भी है। क्योंकि पता चला है पुलिस के कैद में रहकर उसने किसी को फोन कर कहा है कि हरियाणा के फार्महाउस से सीसीटीवी, कैमरा, लैपटाप और दूसरे महत्वपूर्ण समान गायब कर दिये जाये। उसके निर्देशानुसार उसके साथी ने सारे काम कर दिये। गोवा में रहकर हरियाणा फोन करके काम करवा वह पुलिस कस्टडी में था। उसके प्रभाव सम्बन्धों और पहुच पर प्रकाश डालते है।
उसके द्वारा चीजो को गायब करने का निर्देश देना बताता है कि सोनाली के साथ कुछ गलत हुआ है। वरना गोवा में रहकर हरियाणा सबूत और सम्बन्धित दस्तावेज गायब करवाने की क्या जरूरत थी। परिवार से भी पूछा जाना चाहिये जब वे जान रहे थे सोनाली का पीए उसे उन लोगो से दूर करवाया रहा है। सोनाली को ब्लैकमेल कर रहा था वह भी लम्बे अर्से से तो वे खामोश क्यों रहे, विरोध क्यों नही किया और पुलिस में रिपोर्ट क्यों नही की। सोनाली का व्यक्त्वि और सामाजिक तथा राजनैतिक स्थिति प्रभावशाली रहा है। उन्होंने आवाज क्यों नही उठाई। क्या ब्लैकमेल होने का उन्हें अहसास नही था जबकि वह अनुभवी और होशियार महिला रही है। अकेले पीए से यह सारे काम हो पाना मुशकिल लगता है। उसके साथ अन्य कर्मचारी भी रहे होगे जो सुनीयोजित ढंग से अपने मकसद को आगे बढ़ाने में लगे हुये थे। इतने आदमियों में सोनाली का कोई बफादार नही था जो सोनाली को आगाह करता। अगर सोनाली को ड्रग पिलाई गई है तो अकेले पीए का काम नही कहा जा सकता और दो एक लोग भी लगे रहे होगे। मसलन ड्रग लाना, पिलाने के लिये पेय तैयार करना आदि। अफसर की पिटाई करने वाली बहादुर महिला अपने कर्मचारियों से कैसे मात खा गई। विश्वास में लेकर विश्वासघात करने का मामला है। अब इस गुत्थी को गोवा और हरियाणा की पुलिस को मिलजुल कर सुलझाना चाहिये और तथ्य को सामने लाने चाहिये। जितना ही हम जागरूकता, सभ्यता सम्पन्नता का दावा किया जा रहा है। उतना ही नरियों का हर तरह से शोषण हो रहा है। यद्यपि नरियां भी पुरूषो का शोषण कर रही है क्योंकि मर्द साफ्ट टारगेट होते है। पर नरियां दया का पात्र है। अभी भी पुरूष प्रधान समाज है। फोगाट जैसी हस्ती अगर षड़यन्त्र का शिकार है तो आम औरतों का क्या हाल होगा। अनुमान लगाया जा सकता है। फोगाट की घटना को लोग उत्सुकता से देख रहे है और सच्चाई जानने के लिये बेताब है। उनका परिवार सहानुभूति का पात्र है। उन्हें केस को स्वयं कोर्ट में ले जाना चाहिये। कोर्ट फैसला उनके पक्ष में आता है तो नरियां का हौसला इससे बुलन्द होगा और बहुत से नरियां इससे सीख लेगी। फोगाट की आत्मा की शांति मिले।
एसएनवर्मा

 

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