सीएम योगी ने शोधार्थियों से किया संवाद

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विकासखंडों की प्रगति पुस्तिका का किया विमोचन, बोले- असीमित संभावनाओं वाला प्रदेश
सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- आकांक्षात्मक जनपदों की टाप 10 रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सकारात्मक विकासखंडों में कार्यरत शोधकर्ताओं से संवाद किया। इसके साथ ही सीएम योगी ने विकास खंडों की प्रगति पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक (पिछड़े) विकासखंडों में नियुक्त किए गए मुख्यमंत्री शोधार्थियों से कहा है कि वे प्रेरक, योजक और समन्वयक की भूमिका निभाते हुए इन विकासखंडों के विकास का मार्ग प्रशस्त करें। इससे प्रदेश की विकास दर तो तेजी से बढ़ेगी ही, देश भी आत्मनिर्भर बनेगा।
मुख्यमंत्री आकांक्षात्मक विकासखंडों में नियुक्त किए गए मुख्यमंत्री शोधार्थियों से शुक्रवार को लोक भवन में संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के गांव ही भारत के विकास की धुरी हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था जितनी सुदृढ़ और आत्मनिर्भर होगी, उतना ही आत्मनिर्भर हमारा समाज, प्रदेश और देश होगा।
लोग आपको सुधारक के रूप में देखेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री शोधार्थियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके विकासखंड में कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रह जाए। कोई भी विद्यालय आपरेशन कायाकल्प से वंचित न रह जाए। उन्होंने शोधार्थियों से कहा कि वे यह भी सुनिश्चित करें कि वर्ष 2025 तक उनका विकासखंड टीबी मुक्त हो जाए।
शोधार्थी कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकर किसानों की समस्याओं का निस्तारण कराएं और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएं। वित्तीय समावेशन के लिए विकासखंड में हर तीसरे महीने बैंकों के सहयोग से रोजगार मेले लगाने का प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने शोधार्थियों से कहा कि अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के बारे में अपने अनुभव के आधार पर एक उत्कृष्ट शोध पत्र भी तैयार करें।
यह शोध पत्र राज्य सरकार के नियोजन विभाग, नीति आयोग और आने वाली पीढिय़ों के लिए भी मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले शोधार्थियों को राज्य सरकार की नौकरियों में आयु सीमा में छूट के साथ भारांक भी दिया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विकासखंडों को पुरस्कृत भी किया।
समग्र डेल्टा रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर कुशीनगर के विष्णुपुरा विकासखंड को दो करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की। चिकित्सा और पोषण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर बरेली के मझगवां विकासखंड, शिक्षा के क्षेत्र में बदायूं के वजीरगंज विकासखंड, कृषि एवं जल संसाधन के क्षेत्र में अंबेडकरनगर के भीटी विकासखंड, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास के क्षेत्र में बरेली के फतेहगंज विकासखंड और आधारभूत अवसंरचना के क्षेत्र में बलिया के सोहांव विकासखंड को 60-60 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने आकांक्षात्मक विकासखंडों के वर्ष 2022-23 के वार्षिक प्रतिवेदन का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में छह शोधार्थियों ने मुख्यमंत्री से अपनी उपलब्धियों को साझा भी किया। इससे पहले प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार ने आकांक्षात्मक विकासखंडों में हुई प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। कार्यक्रम को वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने भी संबोधित किया।
प्रदेश में 100 विकासखंड आएं औसत के बराबर
उत्तर प्रदेश में पिछले साल 100 से ज्यादा विकासखंड राज्य के औसत से भी पीछे थे लेकिन इस साल के आंकड़े को देखे तो 10 से भी कम विकासखंड हैं जो औसत से पीछे हैं। मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के शोधार्थियों के द्वारा गांव में स्वरोजगार सृजन करने और ग्राम पंचायत स्तर पर बैंकों के कैंप लगाने का काम किया गया।
सीएम योगी ने शोधार्थियों से किया संवाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फेलोशिप कार्यक्रम के तहत 100 छात्र विकासखंडों में तैनात शोधार्थियों से संवाद भी स्थापित किया। खंडों में इस दौरान शोधार्थियों ने अपने अपने विकासखंडों में किए जा रहे कामों से भी सीएम को अवगत कराया।
विकासखंडों की प्रगति पुस्तिका का विमोचन
उत्तर प्रदेश के विकास खंडों की प्रगति पुस्तिका का विमोचन किया। विकास उत्तर प्रदेश के सभी विकास खंडों में किए गए कामों का उल्लेख किया गया है।
आत्मनिर्भर होंगे गांव तो देश भी उसी अनुपात में होगा आत्मनिर्भर
उन्होंने कहा कि 2018 में नीति आयोग ने देश के 112 जनपदों को आकांक्षात्मक जनपद के रूप में चयनित किया था। इनमें उत्तर प्रदेश के आठ जिले, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, चंदौली, सोनभद्र, चित्रकूट और फतेहपुर जनपद शामिल किये गये। ये वो जनपद थे जो विकास की मुख्य धारा से पीछे छूट गये थे। उत्तर प्रदेश के सभी 8 जनपद देश के 112 आकांक्षात्मक जनपदों की लिस्ट में भी सर्वाधिक पिछड़े स्थान पर थे। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और जल संसाधन, रोजगार, स्किल डेवलपमेंट, फाइनेंशियल इन्क्लूजन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ये जिले पिछड़े थे। मगर ये हर्ष का विषय है कि टीम वर्क और नियमित मॉनीटरिंग के कारण आज हमारे 8 में से 4 जनपद देश के टॉप 10 आकांक्षात्मक जनपद में जबकि, टॉप 20 में सभी हमारे सभी 8 जनपद शामिल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के विकास की धुरी गांव हैं। ग्रामीण व्यवस्था जितना आत्मनिर्भर होगी, देश और प्रदेश भी उसी अनुपात में आत्मनिर्भर होगा।
लक्ष्य निर्धारित कर पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें शोधार्थी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ना तो हमारे पास फंड की कमी है और ना ही मैन पॉवर की। हमारे शोधार्थी जोकि तीन साल के लिए फेलोशिप पर अपने अपने विकासखंडों में कार्य कर रहे हैं वे योजक बनकर कार्य करें। ये सुनिश्चित करें कि हम सरकार की योजनाओं को कैसे जनता के साथ जोड़ सकते हैं। सभी शोधार्थी एक लक्ष्य लेकर चलें कि जबतक उनके फेलोशिप का टेन्योर खत्म हो तबतक उनका ब्लॉक सर्व शिक्षा अभियान में शत प्रतिशत हो, उनका ब्लॉक टीबी मुक्त हो चुका हो। इसके साथ ही किसानों से जुड़ी योजनाओं की जानकारी और महिला एवं बालिकाओं से जुड़ी सरकारी स्कीम भी जनता के बीच लेकर जाएं और योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करें। ये सुनिश्चित करें कि आपके ब्लॉक के हर गांव के शत प्रतिशत बच्चे स्कूल जा रहे हैं। बेटियों को कन्या सुमंगला योजना का लाभ मिल रहा है। किसानों को किसान सम्मान निधि और फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। आपके विकासखंड में पर्यटन की क्या संभावनाएं हो सकती हैं, ये भी देखें। संचारी रोगों से मुक्त रखने के लिए अपने क्षेत्र में स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक करें। यही भी सुनिश्चित करें कि आपके क्षेत्र में कैसे बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जा सकती है। इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी आवश्यकताओं को भी शासन के अधिकारियों को अवगत कराएं। प्रयास करें कि हर महीने आप 30 ग्राम पंचायतों का दौरा करें और अपनी रिपोर्ट तैयार करें।
सीडीओ और बीडीओ से लगातार संपर्क में रहें
मुख्यमंत्री ने शोधार्थियों से कहा कि अपने विकास खंडों को प्रदेश के सामान्य ब्लॉकों की श्रेणी में लाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ मेहनत करें, ये आपके लिए एक बड़ा अवसर है। इस कार्य में मदद के लिए आप सभी अपने मुख्य विकास अधिकारी और खंड विकास अधिकारी के साथ मिलकर अपने जमीनी अनुभवों को साझा करें। सीएम ने कहा कि सरकार योजनाएं चलाती है, मगर जनता को उससे जोडऩे का कार्य कठिन होता है, ऐसे में योजक के रूप में आप कार्य करें। ये सुनिश्चित करें कि सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाएं जमीन पर उतरकर लोगों के जीवन को बदल सके।
सराहनीय कार्य करने वाले इन शोधार्थियों से सीएम ने किया संवाद
इस दौरान मुख्यमंत्री ने संभल की रुचि राठौर, लखीमपुर खीरी से सुरेन्द्र कुमार दीक्षित, बस्ती के शिवकुमार, बाराबंकी से डॉ रुचि अवस्थी, बिजनौर से मोनिका और नसीबा देवी से संवाद किया और उनके द्वारा अपने अपने आकांक्षात्मक विकास खंडों में किये गये सराहनीय कार्यों के बारे में जाना। मुख्यमंत्री ने इस दौरान ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए कुशीनगर के विशुनपुरा ब्लॉक को दो करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। इसके अलावा बरेली के मझगांवां ब्लॉक, बदायू के वजीरगंज ब्लॉक, अंबेडकरनगर के भीटी ब्लॉक, बरेली के फतेहगंज ब्लॉक और बलिया के सोहांव ब्लॉक को 60-60 लाख की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। उन्होंने आकांक्षात्मक विकास खंडों की प्रगति पुस्तिका वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23 का विमोचन भी किया। इस अवसर पर प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार सहित सभी 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों के शोधार्थी मौजूद रहे।

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