चार्ल्स तृतीय ब्रिटेन महाराजा बने

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एस.एन.वर्मा
ब्रिटेन की महारानी एलिजा बेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी हुई। चार्ल्स उन्हीं के सबसे बड़े पुत्र है। राजा की हैसियत से वह पहली बार वहां की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस से पहली बार नौ सितम्बर को मिले बकिधम राजमहल में जहांबाद में उन्हें जनता से उसी दिन रूबरू होना था।
ब्रिटिश परम्परा के अनुसार राजा की मृत्यु के तुरन्त बाद उनका उत्ताधिकारी जल्दी से जल्दी एसेशन कौन्सिल द्वारा लन्दन जेमस से महल घोषित किया जाता है। बकिगधम महल ने बताया 10 सितम्बर की सुबह वहीं से इसकी घोषणा की जायेगी।
परिग्रहण कौन्सिल का अध्यक्ष लार्ड प्रेसिडेन्ट होता है। इसके सदस्य प्रीवी कौन्सिल के सदस्य सरकार और पार्लियामेन्ट के सीनियर कर्मचारी होते है। आर्कविशप और वरिष्ट सीनियर सरकारी सेवक वगैरह होते है। प्रिवी कौन्सिल का लार्ड प्रेसिडेन्ट महारानी की मौत का एलान करेगा। वहां राजा के लिये प्रार्थना की जायेगी। उनके प्रतिबचन दिया जायेगा। फिर प्रधानमंत्री ट्रस अर्कविशाप कैन्टरबरी जस्टिन वेल्वी और लार्ड चान्सलर ब्रेन्डल लीविस प्रार्थना और बचन पर हस्ताक्षर करेगे।
चार्ल्स तृतीय के नया राजा बनने की जनघोषणा सेन्ट जेम्स पैलेस के फ्रायरीकोर्ट के ऊपर बालकनी से की जायेगी। जो वहां के आफिसियल जिसे गार्टर किंग आफ आर्म्स कहा जाता है करेगा।
औपचारिक राज्यरोहण बाद में किया जायेगा। क्योंकि इसके अनुष्ठान में खास रीतरवाज, अपनाये जाते हैं। तैयारी के लिये समय लगता है। मौत के लिये मातम मनाने में भी समय लगेगा। रानी का भी विधिवत राज्यरोहण पिता की मृत्यु के 16 महीनों बाद हुआ था।
हजारो साल से यह परम्परा इसी तरह चली आ रही है। लन्दन के वेबमिनिस्टर बाद हुआ था।
हज़ारो साल से यह परम्परा इसी तरह चली आ रही है। लन्दन के वेबमिनिस्टर अबे े में यह समारोह होता रहा है। समारोह के समय के विशप द्वारा तैयार ओथ पर राजा सहमति देता है। फिर अभिषेकित कर पवित्र किया जाता है आर्कविशप द्वारा फिर वह किंग एडवर्ड की कुर्सी पर बैठता है। 1626 से हर राजा इसी कुर्सी पर बैठता रहा है इस समारोह में फिर आर्कविशप सेन्ट एडवर्ड का सोने से बना हिरों, जवाहरात और कीमती पत्थरों से जड़ा ताज राजा के सर पर रखता है।
ब्रीटिश मीडिया के अनुसार महारानी का ताबूत बालमोरा कासल स्काटलैन्ड से हालीरूड हाउस एडिन वर्ग ले जाया जायेगा। यही स्काटलैन्ड में ब्रिटिश राजतन्त्र का सरकारी निवास है। इसके बाद 24 घन्ट महारानी गाइल्स कथेडरल जो एडेनवर्ग में है आराम फरमायेगी। जहां जनता उनके ताबूत के दर्शन कर सकेगी।
इसके बाद ताबूत लन्दन ले जाया जायेगा। वहां पहले ताबूत बकिंधम पैलेसे में रक्खा जायेगा। उसके बाद वेस्टमिनिस्टर हाल ले जाया जायेगा। वहां वह पांच दिनों तक रक्खा जायेगा। इस बीच वहां जनता अपनी शोक श्रद्धान्जली अर्पित कर सकेगे। स्टेट फनरल वेस्ट मिनिस्ट अबे में होगी। इसकी तारीख बकिंधम पैलेस घोषित करेगा।
सेरेमनी के बाद एक जलूस विन्डसर से होते हुये जोबर्कशयर इन्गलैन्ड के कन्ट्री में पहुचेगा। विन्डसर कासल के सेन्ट जार्ज चैपल में पिरिवेषण होगा। इस दौरान शाही शव गृह में ताबूत नीचे कर दिया जायेगा।
चार्ल्स तो राजा बन जायेगे पर पत्नी केमीला रानी नहीं सहचारी रानी कहलायेगी। सहचारी रानी वह होती है जो गद्दी पर बैठता है उसकी पत्नी होती है। रानी का खिताब उन्हीं को मिलता है जो उत्तराधिकार के अनुसार राज्य की गद्दी बादशाहत की पाती है। सहचारी रानी को भी राजा के साथ सादगी भरा ताज पहनाया जाता है। क्रियायें वही अपनायी जाती है जो राजा के लिये अपनायी गयी पर सदगी वाला होता है। सहचारी रानी को कोई सरकारी पोस्ट नहीं मिलती है। वह केवल पति को (राजा) साथ देती है, हर तरह का सपोर्ट देती है।
महारानी एलिजाबेथ ने इस फरवरी में कहा था मेरी दिली ख्वाईश है केमिला सहचारी रानी जल्द से जल्द बने। जब चार्ल्स अवरोहणा करेगे तो पार्लियामेन्ट अगले उत्तराधिकारी की नियम बनायेगी। यह राजशाही की पुरानी प्रथा है। जो प्रथम ईशू होगा वही पहल उत्तराधिकारी होगा। अगर इसमे कोई व्यवधान आता है तो वरिष्ठता के क्रम से निर्धरण होगा। अभी प्रिन्स विलियम जो 40 साल के है उत्तराधिकार के क्रम में पहले आते है।
नया राजा आने से ब्रिटेन में बहुत सी चीज बदल जायेगी। शाही सायफर ईआईआईआर शाही प्रतीक जो झन्डो पर है जो बहुत से कार्यालयों और भवनों पर लहराते रहते है पुलिस स्टेशनों पर लगे है। ब्रिटिश सेना महारानी का कलर लाल, नीला सुनहरा फहराती है। कई झन्डों पर सुनहरा ईआईआईआर है बदलेगे। शाही मेल पोस्ट बाक्स जिस पर क्वीन एलिजबेथ ईआर है वह हो सकता है बना रहे डाकखाना के डाक टिकट बदलेगे। उस पर चार्ल्स तीन की तस्वीर होगी। हो सकता रायल स्टैन्डर्ड जो चतुरान्श इगलैन्ड, और एक चतुराशं स्कार्टलैन्ड और आयरलैन्ड के लिये है बदल जाये अगर बादशाह वैल्श की नुमाइन्दगी को शामिल करना चाहेगे।
राष्ट्रीय गीत के शब्द गाड सेव आवर ग्रेसश क्वीन बदल कर गाड सेव आवर ग्रेसश किंग, हो जायेगा। करेन्सी नोट पर महारानी का चेहरा है। 4.5 बिलियन पाउन्ड के नोट चलने में है। उस पर चेहरा बदलेगा जिसमें कई साल लग सकते है। 1960 से महारानी के चहरे वाले नोट चल रहे है। कुछ दूसरे कामनवेल्थ मुल्कों के करेन्सी पर भी महारानी का चेहरा है। एम पी जिन्होंने महारानी उनके उत्ताधिकारी प्रति वफादार रहने की कसम ली थी। अब महाराजा और उनके वंशजों के प्रति वफादार रहने की कसम लेगे। वे लोग जो लोग रानी के समय नागरिकता ली थी और वफादरी की कसम ली थी अब राजा के प्रति कसम लेगे। वैसे ही सेना और इस तरह के संगठन जिन्होंने रानी के प्रति वफादारी की कसम ली थी अब राजा के प्रति वफादारी की कसम लेगे। कसम के शब्द है आई स्वीयर बाई अल माइटी गाड दैट आई विल बी फेथफुल ऐन्ड वीयर टू एली जीजेन्सट्र हर मजेस्टी क्वीन हर हेयर्स एन्ड सक्सेर्सस अकार्डिंग टू ला सो गाड हेल्प भी अब क्वीन की जगह किंग हो जायेगा।

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