हमीरपुर। जिला जेल में बंद विचाराधीन बंदी की मौत से हड़कंप मच गया। रविवार को बंदी अनिल तिवारी (33) की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। सोमवार को उन्होंने जेल के बाहर सड़क जाम कर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अनिल तिवारी सदर कोतवाली क्षेत्र के सूरजपुर गांव के निवासी थे। उनके खिलाफ करीब दस वर्ष पूर्व मारपीट व एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी मामले में जारी वारंट पर पुलिस ने 11 सितंबर को उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अचानक मौत की खबर पर पत्नी पूजा द्विवेदी ने रोते हुए आरोप लगाया कि “मैंने बृहस्पतिवार को उन्हें सही-सलामत जेल में छोड़ा था, लेकिन रविवार को सूचना मिली कि मेरे पति अब नहीं रहे। मेरे पति को मार डाला गया है।”
हंगामे की सूचना पर सदर विधायक मनोज प्रजापति भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का पैनल पोस्टमॉर्टम करेगा। यदि रिपोर्ट में मारपीट से मौत की पुष्टि होती है तो दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस व विधायक के आश्वासन के बाद परिजनों ने जाम समाप्त किया।